नयी मेट्रो रेल नीति से राज्य होंगे सशक्त
|इक््रुा ने अपने हालिया रिपोर्ट में कहा कि परिवहन आधारित विकास करने और इसे रियल इस्टेट के विकास से जोड़ने एवं निजी निवेश आकर्षति करने से परियोजनाओं की व्यावहारिकता बढ़ायी जा सकती है। इक््रुा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख कॉरपोरेट रेटिंग्स के रविचंद्रन ने कहा, नयी मेट्रो रेल नीति से मेट्रो परियोजनाएं विकसित करने में राज्य सरकार की हिस्सेदारी और जिम्मेदारी बढ़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि सार्वजनिक परिवहन का सबसे प्रभावी एवं किफायती माध्यम चुनने के लिए यह नीति वैकल्पिक व्यवस्था का आकलन समेत नये मेट्रो प्रस्तावों की गहन समीक्षा करती है। इसके अलावा इसमें किसी तीसरे पक्ष द्वारा भी मेट्रो प्रस्तावों की समीक्षा का सुझााव है।
रविचंद्रन ने कहा, हालांकि नीति में मेट्रो परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पीपीपी मॉडल पर जोर दिया गया है लेकिन इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण परिचालन में आ चुके कुछ मेट्रो में यात्र्ाियों की कम संख्या तथा पीपीपी परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की घटती दिलचस्पी है।
मेट्रो रेल क्षेत्र में पीपीपी मॉडल महज छह परियोजनाओं तक सीमित है। इनमें से एक मुंबई मेट्रो के दूसरे फेज को शुरू करने से पहले ही निरस्त कर दिया गया है। दिल्ली एयरपोर्ट लाइन में परिचालन शुरू होने के बाद पीपीपी मॉडल निरस्त हुआ है।
भाषा
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