नए आइडिया के जरिये $10 करोड़ की आमदनी पर इंफोसिस की नजर
| अनिर्बाण सेन, बेंगलुरु देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस लगभग एक दर्जन नए आइडियाज़ में बड़ा इन्वेस्टमेंट करने जा रही है। कंपनी का टारगेट इनमें से प्रत्येक आइडिया से अगले कुछ वर्षों में 10 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल करने का है। यह कदम कंपनी की ग्रोथ बढ़ाने की सीईओ विशाल सिक्का की स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। कंपनी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे एरिया में नए आइडिया की पहचान कर रही है। किसी आईटी कंपनी के एक वर्ष में इंक्रीमेंटल रेवेन्यू या अतिरिक्त रेवेन्यू की रकम से उसका मार्केट शेयर बढ़ने का संकेत मिलता है क्योंकि इसमें नए कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करना शामिल होता है। कंपनी की स्ट्रैटेजी की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया, ‘नए आइडिया से बड़ा रेवेन्यू हासिल करने के लिए कम से कम दो से तीन वर्ष का समय लगेगा।’ इंफोसिस के एग्जिक्यूटिव्स इनमें से कुछ प्रोजेक्ट्स पर अभी काम कर रहे हैं। इन एग्जिक्यूटिव्स में ऐजवर्व के हेड माइकल रेह, प्लेटफॉर्म्स हेड अब्दुल रज्जाक और आर्किटेक्चर ऐंड टेक्नॉलजी हेड नवीन बुद्धिराजा शामिल हैं। एक व्यक्ति ने कहा, ‘एसएपी से हाल ही में हायर किए गए एग्जिक्यूटिव्स इस स्ट्रैटेजी पर काम करने की दिशा में एक कदम हैं। सिक्का चाहते हैं कि रेह, रज्जाक और बुद्धिराजा जैसे लोग नेस्क्ट जेनरेशन के कुछ आइडिया की कमान संभालें जिनसे भविष्य में कंपनी के लिए लाखों डॉलर का नया बिजनेस हासिल किया जा सके।’ इंफोसिस ने इस बारे में ईमेल से भेजे गए प्रश्नों का कोई जवाब नहीं दिया। सिक्का ने पिछले वर्ष के अंत में टॉप कस्टमर्स, एडवाइजर्स और एनालिस्ट्स के साथ एक मीटिंग में इस स्ट्रैटेजी की जानकारी दी थी। इसके कुछ नतीजे अभी दिखने लगे हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि ऑटोमेशन के एरिया में नए आइडिया की वजह से एक कस्टमर आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट शेड्यूल से कुछ महीने पहले ही पूरा किया जा रहा है। ऐसा आईटी सर्विसेज के बिजनेस में कम ही होता है। आमतौर पर आईटी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट का टेन्योर बढ़ाकर अपने रेवेन्यू को अधिकतम करने की कोशिश करती हैं। कॉन्स्टेलेशन रिसर्च के फाउंडर रे वांग के मुताबिक, ‘रज्जाक के पास सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट का बैकग्राउंड है और वह इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) बनाने वाली टीम तैयार कर रहे हैं। डिजिटल वर्ल्ड में सफल होने के लिए आपको जोश वाले लोगों की जरूरत होती है जो प्लेटफॉर्म्स पर काम कर सकें। आपको सॉफ्टवेयर बनाने के साथ ही अपने प्लेटफॉर्म पर लोगों को खींचना भी पड़ता है।’ सिक्का के कंपनी की कमान संभालने के बाद से इंफोसिस के सैंकड़ों एग्जिक्यूटिव्स और एम्पलॉयीज ने डिजाइन थिंकिंग का कोर्स किया है। इसका मकसद क्रिएटिव और सिस्टेमेटिक अप्रोच के साथ समस्याओं को सुलझाना है।
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