धीमी हो रही भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार: नोमूरा
|भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार कम हो रही है और ऐसे में वृद्धि की रफ्तार कुछ सुस्त पड़ने की आशंका है। जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा की एक सर्वे रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी उपभोग की मांग में सुधार और परिवहन क्षेत्र में तेजी से वृद्धि को समर्थन मिल रहा है, लेकिन कमजोर वैश्विक परिस्थितियां और निवेश में सुस्ती सुधार की रफ्तार को प्रभावित कर रही हैं। नोमूरा ने एक रिसर्च पेपर में कहा, ‘आर्थिक सुधार जो 2014 की चौथी तिमाही में शुरु हुआ और 2016 की दूसरी तिमाही के दौरान पुनर्गठन की प्रक्रिया में है। वृद्धि में यह सुधार अभी भी व्यापक नहीं है।’
हालांकि शहरी उपभोग की मांग (सवारी कार, विमानन यातायात, डीजल खपत, उपभोक्ता ऋण) अर्थव्यवस्था में उम्मीदों वाले क्षेत्र हैं जिसे खर्च योग्य आमदनी में बढ़ोतरी और जिंस कीमतों में कमी से और प्रोत्साहन मिल सकता है।
वहीं केंद्रीय बैंक आरबीआई के फैसलों पर रिपोर्ट का कहना है कि कुछ कमॉडिटीज़ की कम कीमतों के मद्देनज़र बैंक अप्रैल तक ब्याज दर में 25 आधार अंकों तक कटौती करने की योजना बना रहा है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं बैंक 2016 के आखिर तक ब्याज दरों को जस का तस बनाए रखेगा।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान में कटौती करते हुए इसे इस फाइनैंशल इयर (2015-16) के लिए 8.1 से 8.5 की बजाय 7 से 7.5 फीसदी कर दिया।
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