दिल्ली विधानसभा में पुरानी दिल्ली की मेट्रो!
|दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सेशन में पहले दिन आज पुरानी दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों के बाहर फैल रही अव्यवस्था का मसला उठेगा और सरकार से उसे दुरुस्त करने की मांग की जाएगी। सदन में आज दिल्ली सरकार एक विधेयक पेश करने जा रही है तो दूसरी ओर विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव लगा रखा है।
मेट्रो स्टेशनों का मसला चांदनी चौक की आप विधायक अलका लांबा उठाएंगी। उन्होंने बताया कि पुरानी दिल्ली में मेट्रो की दो लाइनें पहुंचने से लोगों को सुकून तो मिला है, लेकिन उनके लिए परेशानियां भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि चांदनी चौक, लाल किला, कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशनों के बाहर बुरा हाल हो रहा है। इन स्टेशनों के बाहर सैंकड़ों की तादाद में ये रिक्शे खड़े रहते हैं, जिस कारण वहां आने-जाने यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि इन स्टेशनों के बाहर रेहड़ी-पटरी वालों ने भी कब्जा कर रखा है। सबसे बुरी हालत चांदनी चौक और कश्मीरी गेट स्टेशन की है। विधायक का आरोप है कि शासन की मिलीभगत से स्टेशनों के बाहर रेहड़ी-पटरी वाले जमे हुए हैं। कुछ पटरी वाले तो लोगों से सामान खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं और बदतमीजी भी करते हैं। उनका यह भी कहना है कि ई रिक्शों और रेहड़ी-पटरी वालों के कारण पुरानी दिल्ली का नाम भी बदनाम हो रहा है। वह सरकार से मांग करेंगी कि इस समस्या पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जाए।
दूसरी ओर पहले दिन से ही दिल्ली सरकार कुछ कामकाज करने के मूड में दिखाई दे रही है। विधानसभा सचिवालय के एक आला अधिकारी के अनुसार सरकार की तरफ से जो कार्यसूची मिली है, उसमें एक विधेयक को पेश करने के अलावा अन्य सरकारी कामकाज शामिल है। अगर सदन में ही सत्ता पक्ष की तरफ से कोई प्रस्ताव आ गया तो उस पर कुछ गर्मागर्मी की संभावना है, वरना सदन में आज काम ही होगा। सरकार की ओर से आज इंद्रप्रस्थ संस्थान सूचना प्रौद्योगिकी की रिपोर्ट पेश होगी, इसके अलावा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सदन में दिल्ली नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय विधेयक-2017 पेश करेंगे। वैसे सूचना है कि सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा एमसीडी की कार्यप्रणाली पर आरोप लगाए जा सकते हैं।
सदन में आज विपक्ष की ओर से सफाई मजदूरों की मौत के मसले पर काम रोको प्रस्ताव लाया जाएगा। वैसे विधानसभा अध्यक्ष पर यह निर्भर है कि वह इसे लाने देते हैं या नहीं। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार दिल्ली में एक महीने में दो घटनाओं में छह सफाई मजदूरों की सीवर साफ करते हुए मौत हो चुकी है, इसलिए वह चाहते हैं कि सरकार सबसे पहले सदन में इस मामले पर चर्चा करे और बताए कि सफाई मजदूरों पर वह क्या कदम उठाने जा रही है। उन्होंने इन घटनाओं के लिए जल बोर्ड को दोषी ठहराया है और संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। विजेंद्र के अनुसार अगर सरकार ने उनका कामरोको प्रस्ताव नहीं माना तो विपक्षी सदस्य सदन में विरोध जताएंगे।
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