दिल्ली में जल संकट, PMO दे दखल : सिसोदिया
|दिल्ली में पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हरियाणा ने दिल्ली का पानी कम कर दिया है और ऑफिसर्स लेवल पर बातचीत हुई है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पा रहा है। सिसोदिया ने इस मामले में पीएमओ के दखल की मांग की है। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने पीएमओ के दखल की मांग करते हुए एलजी को तमाम तथ्यों के बारे में बताया है। सिसोदिया ने कहा कि हरियाणा से बातचीत में अगर पानी का संकट नहीं सुलझता है, तो फिर सेंट्रल एरिया में भी पानी की कटौती करनी पड़ेगी, ताकि दिल्ली के तमाम इलाकों में पानी का बराबरी का वितरण हो सके। दरअसल सिसोदिया ने साफ संकेत दिया है कि पानी का संकट नहीं सुलझा तो फिर वीआईपी और वीवीआईपी एरिया में भी पानी की कटौती करनी पड़ेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिसोदिया ने कहा कि हरियाणा ने दिल्ली का करीब 80 एमजीडी पानी कम कर दिया है, जबकि कोर्ट का साफ आदेश है कि दिल्ली को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलना चाहिए। सिसोदिया ने कहा कि पानी को लेकर शुद्ध पॉलिटिक्स हो रही है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। यह पूरी दिल्ली का मसला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी का अपना प्रॉडक्शन तो होता नहीं। ऐसे में अगर हरियाणा द्वारा दिल्ली के पानी में कमी की जाती है, तो इससे समस्या बढ़ेगी। सिसोदिया ने कहा कि पीएमओ को इस मामले में दखल देना चाहिए और राजनीति से हटकर इस समस्या का समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीफ सेक्रटरी को तुरंत जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। चीफ सेक्रटरी को हरियाणा के चीफ सेक्रटरी से बात करने को भी कहा गया था, लेकिन ऑफिसर्स लेवल पर कोई बात नहीं बन रही है।
जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मीटिंग
डेप्युटी सीएम ने मंगलवार शाम को दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली को उसके हिस्से का पानी मिले, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं और जल बोर्ड को तमाम विकल्पों के लिए तैयार रहना होगा। लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने मंगलवार रात को ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में पानी का संकट अभी तक नहीं सुलझ पाया है। कोर्ट के आदेशों के बाद भी दिल्ली का पानी रोका जा रहा है। उन्होंने जल बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करें क्योंकि कोर्ट ने दिल्ली के हिस्से का पानी दिए जाने के आदेश जारी किए थे।
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