तकनीक से ATM की होगी निगरानी, 2 लाख नौकरियां छिनेंगी
|भारतीय बैंकों ने अपनी कैश मशीनों की सुरक्षा और निगरानी के लिए अडवांस ई-सर्विलांस सिस्टम अपनाना शुरू कर दिया है। इससे आने वाले दो से तीन सालों के अंदर देश भर में एटीएम की सुरक्षा में लगे करीब दो लाख सिक्यॉरिटी गार्ड्स को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
दुनिया भर में सेंट्रलाइज्ड ई-सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल बैंक अपने एटीएम की सुरक्षा के लिए कर रहे हैं। ऐक्सिस बैंक ने इसे अपनाने में सबसे पहले कदम आगे बढ़ाया है। अन्य बैंक जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और यूको बैंक इस सिस्टम को अपनाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं।
बैंकरों का कहना है कि इस सिस्टम से उनका सिक्यॉरिटी पर 90 फीसदी कम खर्च होगा और आधुनिक सिस्टम अत्यधिक सुरक्षित एवं काफी भरोसेमंद हैं। 500 मशीनों में प्रयोग के तौर पर सिस्टम को अपनाने वाले एचडीएफसी बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इससे हम दूर-दराज के इलाके में स्थित अपने एटीएम की 24 घंटे निगरानी कर सकते हैं। कोई घटना घटित होने पर हमें गार्ड के भरोसे रहना पड़ता है और हमें देर से सूचना मिलती है। इस सिस्टम से कोई घटना घटित होने पर हमें तुरंत सूचना मिल जाएगी।’
इस सिस्टम में कई सेंसर इंस्टॉल किए जाएंगे जिनमें मोशन सेंसर, थर्मल सेंसर, रिमूवल सेंसर और ब्रेकिंग सेंसर शामिल हैं। एटीएम रूम में एक हीटर या अलार्म, 2-3 सीसीटीवी और एटीएम रूम में टू-वे स्पीकर लगाए जाएंगे। किसी तरह की अनाधिकृत गतिविधि की स्थिति में हूटर अलर्ट माइक, स्पीकर्स और सीसीटीवी सिस्टम की मदद से सिक्यॉरिटी ऑपरेशन सेंटर में तैनात अधिकारियों तक टू-वे सूचना भेजेगा। सिस्टम स्थानीय पुलिस स्टेशन और समीप की सड़क पर गश्ती ड्यूटी पर तैनात अधिकारी को अलर्ट करेगा। बैंक जरूरत पड़ने पर एटीएम का भ्रमण करने के लिए एक क्विक रिस्पॉन्स टीम को भी तैनात करेगा।
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