डाक विभाग को हर पोस्टकार्ड पर 7 रुपये का नुकसान
| डिपार्टमेंट के 2013-14 के आंकड़ों के मुताबिक, पोस्टकार्ड की औसत लागत 753.37 पैसे है, जबकि आय 50 पैसे है। इधर अंतर्देशीय पत्र की लागत 748.39 पैसे है और आय 250 पैसे है। प्रतियोगी पोस्टकार्ड, पत्र और पत्र-पत्रिकाओं के बुकपोस्ट को छोड़कर पोस्टल डिपार्टमेंट की ज्यादातर सेवाओं पर नुकसान हो रहा है। पार्सल, रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट, बीमा, मनी ऑर्डर, इंडियन पोस्टल ऑर्डर और रजिस्टर्ड न्यूजपेपर जैसी सेवाओं के लिए अर्जित आय औसत लागत से कम है। धूल खा रहीं कीमती वस्तुओं की होगी नीलामी एक आरटीआई आवेदन के जवाब में डिपार्टमेंट ने खुलासा किया कि वर्ष 2012 में 8070, वर्ष 2013 में 11938 और वर्ष 2014 में 13075 सहित कुल 33083 ऐसे मेल, पार्सल हैं जिन्हें सही मालिक को सुपुर्द नहीं किया जा सका। डिपार्टमेंट के अधिकारी जल्द इन वस्तुओं की नीलामी की योजना बना रहे हैं।
डाक विभाग यानी पोस्टल डिपार्टमेंट को हर पोस्टकार्ड पर 7 रुपये से अधिक और अंतर्देशीय पत्र पर करीब 5 रुपये का नुकसान हो रहा है, क्योंकि अब तक इनसे होने वाली आय वास्तविक लागत से काफी कम रही है।
डिपार्टमेंट के ‘रिटर्न लेटर ऑफिस (आरएलओ) में बीते 3 साल से जुलरी, मोबाइल फोन, कैमरे और घड़ियां जैसी 33 हजार से अधिक बिना दावे की वस्तुएं धूल फांक रही हैं और उन्हें नीलामी से पहले अपने असली मालिकों का इंतजार है।
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