डर है वे मुझे ढूंढ लेंगे: अफगान तेजाब पीड़िता
| उसके कटु अनुभव अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की एक खामोश सुनामी की दास्तान बयां करते हैं। गृह युद्ध से पहले से बेजार इस देश में तालिबान विरोधी मिलिशिया की हरकतों ने हालात और बदतर बना दिए हैं और शासन नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ है। एक नीले रंग के हिजाब से अपने दागदार चेहरे को छिपाने का असफल प्रयास करती मुमताज न तो अपने जख्मों के निशान छिपा पाती हैं और न ही अपने साथ हुई ज्यादती का खौफ जब उसका प्रेमी होने का दम भरने वाला युवक अपने छह साथियों के साथ उसके घर में घुस आया था। मुमताज चाहकर भी उस रात को नहीं भूल पाती, जब कुछ लोगों की वहशियाना हरकत ने उसकी सारी जिंदगी को मौत से भी बदतर बना दिया। कुंदुज के एक मकान में रह रही मुुमताज (बदला हुआ नाम) उस घटना को याद करते हुए कहती हैं, ‘उसने मुझे बालों से पकड़ लिया और मेरे चेहरे पर इस घृणा के साथ तेजाब फेंक दिया कि देखें अब कौन तुमसे शादी करता है।’
एक मिलिशिया ने मुमताज पर तेजाब डालकर उसका चेहरा बिगाड़ दिया, क्योंकि उसने उसके शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इस घटना को चार साल बीत गए, लेकिन 20 बरस की मासूम मुमताज आज भी मौत के साए में जी रही है। जान से मारने की धमकियों से खौफजदा मुमताज डरी छिपी दिन गुजार रही हैं।
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