ट्रिपल तलाक मेजॉरिटी और माइनॉरिटी के बीच का मसला नहीं: केंद्र ने SC में कहा

नई दिल्ली.  सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक केस में बुधवार को पांचवें दिन भी सुनवाई जारी रही। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा तलाक मेजॉरिटी और माईनॉरिटी के बीच का मामला नहीं है, ये कम्युनिटी के भीतर की लड़ाई है। 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने कहा, "केंद्र ने मुस्लिमों में शादी और तलाक के लिए कानून क्यों नहीं बनाया, इसे रेगुलेट क्यों नहीं किया? आप (केंद्र) कहते हैं कि अगर कोर्ट ट्रिपल तलाक को अमान्य घोषित कर दे तो आप कानून बनाएंगे, लेकिन सरकार ने पिछले 60 साल में कोई कानून क्यों नहीं बनाया?"  बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर रेग्युलर सुनवाई हो रही है। यह सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुआई में 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच कर रही है। कोर्ट के सवाल पर क्या जवाब दिया केंद्र ने…     – अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जवाब दिया, "सेकुलर कोर्ट की खासियत ये थी कि जब ऐसे मसले उसके सामने आएं तो कानून का इंतजार किए बगैर वो सुधार करे। मैं वो करूंगा जो मुझे करना चाहिए, पर सवाल ये है कि आप (कोर्ट) क्या करेगी? मैंने निर्देशों के हिसाब से बयान दिया है। मैं…

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