टॉप पर रही यह एक्ट्रेस ताउम्र रही अकेली, कोई पछतावा नहीं, अब दिखती है ऐसी
|निदा फाजली साहब का एक शेर है कि कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं ज़मी तो कहीं आसमां नहीं मिलता!
निदा फाजली साहब का एक शेर है कि कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं ज़मी तो कहीं आसमां नहीं मिलता!