टैक्स स्क्रूटनी का टाइम कम करने की योजना में है मोदी सरकार
|करदाताओं की मुश्किलों को आसान करने के मकसद से नरेंद्र मोदी सरकार टैक्स रिटर्न का स्क्रूटनी टाइम एक साल तक कम करने पर विचार कर रही है। मौजूदा व्यवस्था में टैक्स असेसमेंट कम्प्यूटर चालित प्रणाली के तहत असेसमेंट ईयर की क्लोजिंग के बाद दो साल के भीतर पूरा होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि फाइनैंशल ईयर 2014-15 के रिटर्न्स की स्क्रूटनी , जिसका असेसमेंट ईयर 2015-16 होता है, मार्च 2018 तक हो पाएगी। पहले चरण में केंद्र सरकार ने इसे अवधि को 21 महीने तक करने की बात कही है। यानी बीते वित्तीय वर्ष की स्क्रूटनी दिसंबर 2017 तक पूर्ण हो सकेगी।
पिछले फाइनैंस बिल में स्क्रूटनी की समयसीमा तय करने का प्रस्ताव दिया गया था। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के एक सीनियर अफसर ने कहा, ‘हम इसे प्रति वर्ष तीन माह कम करने की कोशिश में हैं ताकी एक साल के भीतर ही असेसमेंट पूरा किया जा सके।’ सूत्रों ने बताया कि असेसमेंट पीरियड को कम करना सरकार के मुख्य उद्देश्यों में से है, जो टैक्सपेयर्स के लिए अधिक फ्रेंडली माहौल तैयार करने की कोशिशों में जुटी है। सरकार ने पहले टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों को पहले ही सलाह दी है कि वह अग्रेसिव असेसमेंट से बचें।
अगले चरण में राजस्व विभाग असेसमेंट को समय पर पूरा करने की कोशिश में है। विभाग का मानना है कि असेसमेंट का काम पूर्व निर्धारित समय के भीतर ही हो जाना चाहिए। डेडलाइन के करीब आने के बाद ही 70 पर्सेंट असेसमेंट ऑर्डर्स को जारी किए जाने की बात स्वीकार करते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘जैसे ही डेडलाइन नजदीक आती है, आमतौर पर आखिरी के दो महीनों में बंचिंग हो जाती है।’
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