टाउन हॉल से पहले पार्किंग सिस्टम को सुधारो: एलजी
|उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नॉर्थ एमसीडी के टाउन हॉल प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इस ऐतिहासिक इमारत को पुरानी दिल्ली की खास धरोहर बनाने से पहले आसपास के इलाके की पार्किंग व्यवस्था सुधारी जाए, वरना इस इमारत को देखने के लिए कोई क्यों आना चाहेगा। उनका यह भी कहना है कि चांदनी चौक प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए बाजार में सीमित रिक्शों का संचालन जरूरी है।
अपने तय प्लान के अनुसार उपराज्यपाल ने हाल ही में चांदनी चौक, ऐतिहासिक टाउन हॉल और यमुना बाजार स्थित हनुमान मंदिर क्षेत्र का दौरा किया था। इस दौरे में उनके साथ संबद्ध विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद थे। टाउन हाल में जब उपराज्यपाल पहुंचे तो एमसीडी के आला अफसरों ने उन्हें टाउन हॉल प्रोजेक्ट की जानकारी दी और बताया कि इसे पुरानी दिल्ली की खास धरोहर बनाने का निर्णय लिया गया है, जहां म्यजियम, लाइब्रेरी, फूड गैलरी बनाई जाएगी। सूत्र बताते हैं कि उपराज्यपाल ने अफसरों से पूछा कि करोड़ों की लागत से बने इस प्रोजेक्ट को किसके लिए बनाया जाएगा। लोकल लोग तो इसे देखने आएंगे ही नहीं और जो देसी-विदेशी टूरिस्ट यहां आएंगे वो टाउन हॉल तक कैसे पहुंच पाएंगे।
उपराज्यपाल ने कहा कि अगर टाउन हॉल को वाकई प्रसिद्ध स्थल के रूप में चर्चित करना है तो इलाके में नए पार्किंग स्थल बनाने होंगे साथ ही चल रहे पार्किंग स्थलों को सुधारना होगा। उपराज्यपाल ने अफसरों को ही जानकारी दे डाली कि पुरानी दिल्ली के चर्च मिशन रोड, गांधी मैदान व परेड मैदान के पार्किंग स्थलों के हाल बेहाल हैं और कई आदेश देने के बावजूद उनमें सुधार नहीं हो पा रहा है। उपराज्यपाल के अनुसार जब टाउन हाल के आसपास पार्किंग सिस्टम सुधारा नहीं जाएगा तो बाहर के लोग यहां नहीं आ पाएंगे। बताते हैं कि उपराज्यपाल ने एमसीडी अफसरों से इस बाबत ब्लू प्रिंट बनाने को भी कहा।
उपराज्यपाल को जब चांदनी चौक घुमाया गया तो उन्होंने अफसरों से पूछा कि बाजार को अतिक्रमण व रेहड़ी-पटरी वालों से बचाने के लिए अभी तक क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने मौके पर ही अफसरों से रिपोर्ट मांगी और इस बात पर सख्त नाराजगी जताई कि इलाके के कारोबारी और स्थानीय लोग जब-तब इसकी शिकायत उनके पास लेकर आते हैं। उपराज्यपाल इस बात से भी खासे खफा थे कि बाजार में बड़ी संख्या में चल रहे रिक्शों को रोकने के लिए उपाय क्यों नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि बाजार में बेटरी रिक्शा ही चलाए जाने चाहिए और उनकी भी तादात सीमित होनी चाहिए। उपराज्यपाल ने अफसरों को ताकीद किया कि उनके सारे सवालों के जवाब एक माह के भीतर मिल जाने चाहिए।
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