जीएसटी परिषद ने 66 मदों पर कर दरें घटायी, छोटे व्यापार को फायदा मिलेगा
|इसके साथ ही परिषद ने छोटे उत्पादकों, व्यापारियों और रेस्तरां परिचालकों को राहत देते हुए 75 लाख रपये सालाना तक कारोबार करने वाले कारोबारियों को कंपोजिशन एकमुश्त कर योजना की सुविधा प्रदान की है।
जीएसटी पहली जुलाई से लागू करने का लक्ष्य है।
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने अभी तीन जून को ही अपनी बैठक में करीब 1,200 तरह की वस्तुओं को जीएसटी की विभिन्न दरों के दायरे में समायोजित किया था और इसे लेकर कुछ उद्योगों ने संशोधन की मांग उठायी थी।
जीएसटी में चार स्तर की, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें निर्धारित की गई हैं। जीएसटी परिषद की आज यहां हुई 16वीं बैठक में 133 प्रकार की वस्तुओं पर कर की दर में संशोधन की मांग पर विचार किया गया। परिषद ने अगरबत्ती, कंप्यूटर प्रिंटर, काजू, बच्चों की चित्रलेखन पुस्तिका और स्कूली बस्ता समेत कुल 66 प्रकार की मदों पर कर की दर में संशोधन किया।
छोटे कारोबारियों की आसानी के लिए परिषद ने यह भी निर्णय किया कि 75 लाख रपये तक के कारोबार वाले व्यापारी, विनिर्माता और रेस्तरां मालिक एक कंपोजीशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं और क्रमश: एक प्रतिशत, दो प्रतिशत तथा पांच प्रतिशत की दर से कर का भुगतान कर सकते हैं।
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, हमने दरोें को जहां तक संभव है राजस्व निरपेक्ष बनाए रखने की कोशिश की है। नए फैसले से राजस्व की कुछ हानि हो सकती है लेकिन इससे छोटी और मझोली इकाइयों, छोटे व्यापारियों, रेस्तरां परिचालकों का बोझ हल्का होगा।
उन्होंने कहा कि यह तीनों कारोबार सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले व्यवसाय हैं।
जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार सौ रपये या उससे कम के सिनेमा टिकट पर 28 प्रतिशत के बजाए 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इससे उपर के मूल्य के पर कर की दर पहले के निर्णय के अनुसार 28 प्रतिशत बनी रहेगी।
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