चीन की वायुसेना ने दक्षिण चीन सागर में फिर किया अभ्यास
|चीन की वायुसेना ने एक बार फिर विवादित दक्षिण चीन सागर के ऊपर अभ्यास किया है। चीन के इस सैन्य अभ्यास से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। चीनी वायुसेना ने रविवार को कहा कि उसने जापान के दक्षिणी द्वीपसमूहों को पार करके दक्षिण चीन सागर और वेस्टर्न पसिफिक में अभ्यास किया। चीन ने इस तरह के अभ्यासों को युद्ध की तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया। बता दें कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगुआई में चीन अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चला रहा है। उसका मुख्य फोकस एयर फोर्स और नेवी के आधुनिकीकरण पर है और इसके तहत वह नए-नए स्टील्थ फाइटर जेट और एयरक्राफ्ट कैरियर्स को सेना में शामिल कर रहा है।
चीन ने जोर देकर कहा है कि सैन्य अभ्यास के पीछे उसकी गलत नीयत नहीं है, लेकिन दक्षिण चीन सागर और ताइवान के आस-पास उसकी गतिविधियों की धमक क्षेत्र के साथ-साथ अमेरिका तक पहुंच रही है।
चीनी वायुसेना ने अपने एक बयान में कहा कि इस अभ्यास में H-6K, Su-30 और Su-35 फाइटर प्लेन्स के साथ दूसरे एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया गया। हालांकि बयान में यह नहीं बताया गया कि यह अभ्यास कब किया गया और दक्षिण चीन सागर या वेस्टर्न पसिफिक के किसे हिस्से में किया गया। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी नौसेना का एक विध्वंसक ‘फ्रीडम ऑफ नेविगेशन’ ऑपरेशन के तहत दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा बनाए गए एक कृत्रिम द्वीप के काफी करीब से गुजरा था। इससे भड़के चीन ने अमेरिका की आलोचना की थी।
चीनी एयरफोर्स ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दिए एक बयान में कहा कि Su-35 विमानों को दक्षिण चीन सागर के ऊपर उड़ाने का उद्देश्य वायु सेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाना है। बयान में कहा गया है, ‘एयर फोर्स का अभ्यास भविष्य में होने वाली जंगों का पूर्वाभ्यास है और युद्ध की तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ है।’
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