चीन का रक्षा बजट 7.6 प्रतिशत बढ़कर 146 अरब डॉलर

पेइचिंग
चीन ने शनिवार को अपने रक्षा बजट को 7.6 प्रतिशत बढ़ाकर 146 अरब डॉलर (करीब 97 खरब रुपये) कर दिया। एशिया प्रशांत क्षेत्र के सैन्यीकरण और खासकर दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए चीन ने यह कदम उठाया है। हालांकि, चीन की आर्थिक सुस्ती को देखते हुए पिछले छह साल के दौरान उसके रक्षा बजट में यह वृद्धि सबसे कम है।

चीन की जीडीपी वृद्धि पिछले साल 6.9 प्रतिशत रही जो कि पिछले 26 साल में सबसे कम वृद्धि रही। चीन के रक्षा बजट में वृद्धि को उचित ठहराते हुए नैशनल पीपल्स कांग्रेस की प्रवक्ता फु यिंग ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के सैन्यीकरण के लिए अमेरिका पर दोष मढ़ा, विशेषकर दक्षिण चीन सागर को लेकर यह खींचतान ज्यादा है। यह क्षेत्र पिछले कुछ महीनों के दौरान दोनों देशों के बीच विवाद का नया मुद्दा बन गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि कुछ लोग दक्षिण चीन सागर मुद्दे और क्षेत्र के सैन्यीकरण के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन यह सब भ्रम पैदा करने और उत्तेजित करने के लिए किया जा रहा है। चीन संसाधन संपन्न करीब-करीब समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है जबकि उसके इस दावे का फिलिपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान विरोध करते हैं।

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राष्ट्रीय असेंबली के सालाना सत्र में पेश बजट रिपोर्ट के अनुसार सरकार की वर्ष 2016 के रक्षा बजट को 7.6 प्रतिशत बढ़ाकर 954 अरब युआन (करीब 146 अरब डॉलर) करने की योजना है। हालांकि, यह नई वृद्धि पिछले साल की 10.1 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले कम है। बावजूद इसके भारतीय बजट के मुकाबले चीन के रक्षा बजट का अंतर काफी बढ़ गया है। भारत का रक्षा बजट 40 अरब डॉलर (करीब 26 खरब रुपये) के आसपास है।

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2016 के लिए अमेरिका का रक्षा बजट 534 अरब डॉलर (करीब 357 खरब रुपये) रहने का प्रस्ताव किया है। यह चीन के इस साल के रक्षा बजट से 3.6 गुना अधिक होगा।

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