चीन का दावा: अदन की खाड़ी में कार्गो जहाज को अकेले ही समुद्री लुटेरों से बचाया
|रविवार को खबर आई थी कि भारत और चीन की नौसेना ने तमाम आपसी विरोधों को किनारे रखते हुए साथ मिलकर एक व्यापारिक जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाया था। अब चीन दावा कर रहा है कि उसने अकेले ही इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। चीन का कहना है कि शनिवार रात उसकी नौसेना ने अकेले ही अदन की खाड़ी में एक कार्गो जहाज को सोमालिया के समुद्री लुटेरों से बचाया। इससे पहले रविवार को भारतीय नौसेना ने सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि दोनों देशों की नेवी ने आपसी सहयोग से समुद्री लुटेरों की कोशिश को नाकामयाब कर दिया। चीन की ओर से किए गए इस ताजातरीन दावे में भारतीय नौसेना की भूमिका को बिल्कुल नजरंदाज कर दिया गया है।
#China claims full credit for rescuing cargo ship hijacked by Somali pirates in #GulfofAden, ignoring #IndianNavy role.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 10, 2017
जानकारी के मुताबिक, इस पूरे प्रकरण में भारतीय नौसेना की भूमिका अपेक्षाकृत ज्यादा मजबूत है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय पक्ष की ओर से इस ऑपरेशन की सफलता में चीन की नौसेना को भी श्रेय दिया गया था। भारतीय नौसेना इस ऑपरेशन के साथ शुरू से ही शामिल रही और पूरी सतर्कता बरतते हुए इंडियन नेवी शनिवार पूरी रात इसे लेकर सक्रिय रही। दूसरी ओर चीन की नौसेना सुबह के समय इस ऑपरेशन के साथ जुड़ी थी। इस पूरे घटनाक्रम को नजरंदाज करते हुए चीन अब इस पूरे मामले का श्रेय खुद को ही दे रहा है। मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से भारत और चीन बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे के कारण एक-दूसरे के साथ तीखी कूटनीतिक बयानबाजियों में उलझे हैं।
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इस घटना की जानकारी देते हुए इंडियन नेवी के सूत्रों ने बताया था कि 8 अप्रैल की देर रात नौसेना को अदन की खाड़ी में एक विदेशी व्यापारिक पोत के मुसीबत में फंसे होने की सूचना मिली थी। इस जहाज पर समुद्री डाकुओं ने हमला किया था। भारतीय नौसेना के कुछ जहाज- तरकश, त्रिशूल और आदित्य उसी वक्त अदन की खाड़ी से गुजर रहे थे। इन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुसीबत में फंसे उस व्यापारिक पोत को घेर लिया। भारतीय युद्धपोतों ने इस जहाज के कप्तान से संपर्क किया। लुटेरों से बचने के लिए जहाज के कप्तान ने नियमों के मुताबिक क्रू मेंबर्स के साथ खुद को स्ट्रॉन्ग रूम में बंद कर लिया था।
कोई भी कार्रवाई करने से पहले पूरी स्थिति को समझने की कोशिश करते हुए भारतीय नौसेना के हेलिकॉप्टर रात के अंधेरे में उस जहाज के आसपास के हालात का जायजा लेने लगे। इसके बाद इंडियन नेवी जहाज के ऊपरी डेक से समुद्री डाकुओं को हटाने की कोशिश करने लगी। सुबह होने पर समुद्री डाकू ऊपरी डेक पर दिखाई नहीं दे रहे थे। इसके बाद भारतीय नौसेना द्वारा सुरक्षा दिए जाने और ‘ऑल क्लियर सिग्नल’ मिलने पर उस जहाज के क्रू मेंबर्स का साहस बढ़ा और टीम के कुछ सदस्य धीरे-धीरे स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकले। इसके बाद समुद्री डाकुओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग दिखाते हुए नजदीक में ही तैनात चीनी नौसेना के जहाज से एक दल इस प्रभावित जहाज पर पहुंचा। भारतीय नौसेना के हेलिकॉप्टर ने उस जहाज को हवाई सुरक्षा मुहैया कराई। जहाज की तलाशी के बाद पता चला कि समुद्री डाकू रात में भाग गए थे। चालक दल के सभी 19 सदस्य सुरक्षित पाए गए थे।
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