खूब भरें उड़ान, लौटा सस्ते किराए का दौर
| घरेलू फ्लाइट्स पर डिस्काउंट की बहार एक फिर लौट आई है। जानकारों के मुताबिक, ऑयल की कीमतों में गिरावट और विस्तार और एयरएशिया इंडिया जैसी एयरलाइंस की क्षमता में बढ़ोतरी जैसी वजहों से ऐसा हुआ है। देश के दूसरे सबसे बड़े ट्रैवल पोर्टल Yatra.com के मुताबिक, डोमेस्टिक फ्लाइट्स के औसतन किराए में एक साल पहले के मुकाबले तकरीबन 19 फीसदी की गिरावट आई है। यह गिरावट उन रूट्स पर ज्यादा है, जहां दो नई एयरलाइंस ने अपना ऑपरेशन शुरू किया है। कुछ एनालिस्ट्स ने बताया कि फ्लाइट्स की प्राइस में गिरावट क्षमता में बढ़ोतरी के कारण है, क्योंकि भारत में एयरलाइंस ने फ्यूल सरचार्ज में किसी तरह की कटौती नहीं की है। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन के पूर्व प्रेसिडेंट अजय प्रकाश ने बताया, ‘ऑयल की कीमतों में गिरावट के बावजूद एयरलाइंस ने फ्यूल सरचार्ज नहीं घटाया है। किराए में गिरावट कुछ खास सेक्टरों तक सीमित है और यह क्षमता और लोड पर भी निर्भर है।’ उन्होंने बताया कि इन दोनों नई एयरलाइंस और लो-कॉस्ट कैरियर इंडिगो मार्केट में अपनी क्षमता में बढ़ोतरी कर रही हैं। हालांकि, कुछ जानकारों किराए में कमी के लिए कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को जिम्मेदार मान रहे हैं। देश के एयरलाइंस की ऑपरेशनल कॉस्ट में एविएशन फ्यूल की हिस्सेदारी तकरीबन 50 फीसदी है। Yatra.com के प्रेसिडेंट शरद ढल ने बताया, ‘घरेलू किराया पिछले साल के मुकाबले 19 फीसदी कम है और इसकी वजह ऑयल की कीमतों में गिरावट और नई एयरलाइंस के मार्केट में आने के साथ क्षमता में बढ़ोतरी भी है।’ एविएशन इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि तेल की कीमतों में गिरावट से एयरलाइंस को किराए में कटौती के असर को बर्दाश्त करने में मदद मिल रही है। स्पाइसजेट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजीव कपूर ने बताया, ‘सौभाग्य से फ्यूल की कीमतों में गिरावट से निकट भविष्य में घाटे की भरपाई हो रही है, लेकिन लॉन्ग टर्म में मार्केट को तर्कसंगत बनाना जरूरी होगा।’ एयरएशिया ने पिछले साल जून में अपना ऑपरेशन लॉन्च किया था और इसकी फ्लाइट बेंगलुरु और दिल्ली से कई शहरों को जोड़ती है। इसके पास फिलहाल 5 विमान हैं। इसी तरह, विस्तारा ने इस साल जून में 6 विमानों के साथ अपना ऑपरेशन लॉन्च किया था और यह दिल्ली से कुछ शहरों के लिए सर्विस देती है। क्षमता में बढ़ोतरी पर टिप्पणी के लिए इंडिगो से संपर्क नहीं किया जा सका। स्पाइसजेट के कपूर का कहना था कि क्षमता में बढ़ोतरी के कारण किराए में कमी का सिलसिला कुछ समय तक चलता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘इससे शॉर्ट टर्म में किराए पर असर पड़ सकता है, लेकिन आखिर में मार्केट खुद को करेक्ट कर लेगा।’
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