खारी बावली में ‘सफाई’ के नाम पर तबाही!
|एमसीडी का अतिक्रमण हटाओ अभियान पुरानी दिल्ली के खारी बावली बाजार में कहर बनकर टूटा है। इस ऐतिहासिक बाजार में दूसरी बार बुलडोजर चलाया गया है, लेकिन इस बार इस अभियान की आड़ में अनेकों दुकानों के शटर तोड़ दिए गए। शटरों को इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है कि दुकानदारो को रात को दुकानों के अंदर ही सोना पड़ा। अब एमसीडी नेताओं से जांच का आश्वासन मिला है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में सालों से लग रहे अवैध रेहड़ी पटरी वालों पर एक्शन करने के बजाय उनकी दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है।
नॉर्थ एमसीडी के तोड़फोड़ दस्ते ने कल खारी बावली में जबर्दस्त अभियान चलाया। इस बार टारगेट बाजार के दुकानदारों द्वारा कथित तौर पर किया गया अतिक्रमण था। वैसे बाजार में कुछ दिन पूर्व भी अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया गया था, उसमें बाजार में लगे अवैध रेहड़ी पटरी बाजार को निशाने पर लिया गया था, लेकिन अगले दिन ही ये लोग बाजार में फिर से जम गए थे। सूत्र बताते हैं कि कल के इस अभियान की जानकारी रेहड़ी पटरी वालों को थी, इसलिए उन्होंने फड़ नहीं लगाए और निशाने पर बाजार की दुकानें आ गईं।
तोड़फोड़ दस्ते ने पूरे बाजार में कल जेसीबी के जरिए एक्शन चलाया और दुकानों को साइन बोर्ड आदि को निशाने पर लिया। इसकी आड़ में उन्होंने कई दुकानों के शटर उखाड़ डाले और कई को चकनाचूर कर दिया। खारी बावली सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव बत्रा व महामंत्री सुरेश भार्गव ने बताया कि एमसीडी ने दुकानदारों पर एक तरह से अत्याचार किया है। दुकानों के लीगल साइन बोर्ड तो तोड़े ही गए साथ ही आधी से ज्यादा दुकानों के शटर तोड़ दिए गए। उन्होंने बताया कि कुछ दुकानदान तो अपनी दुकान के अंदर ही बंद रह गए, क्योंकि शटर की हालत ऐसी कर दी गई थी कि दुकानदार न बाहर निकल पा रहे थे और न ही अंदर जा पा रहे थे।
खारी बावली व्यापार मंडल के अन्य पदाधिकारी रविंद्र जैन और ऋषि मंगला का कहना है कि इस अभियान में बाजार के बिजली के तार और केबलें तक तोड़ डाली गई। दुकानदारों ने जब अपने शटर ठीक कराने चाहे तो कारीगरों ने कह दिया कि बिजली नहीं है तो शटर की वैल्डिंग नहीं हो सकती। इसके चलते कुछ दुकानदारों को रात को दुकान के अंदर ही सोना पड़ा। इन कारोबारी नेताओं का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तो यह अभियान अतिक्रमण, पटरी वालों के खिलाफ चलाया जाना था, लेकिन इसकी आड़ में पूरे बाजार के दुकानदारों को प्रताड़ित किया गया और वहां अराजकता का माहौल बना दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा हाल तो इमरजेंसी के वक्त भी नहीं हुआ था। उस वक्त ऐसे अभियान में शटर और साइन बोर्ड नहीं तोड़े गए थे। इस अभियान के खिलाफ शनिवार को सर्वव्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी से मिला और अपना विरोध दर्ज कराया। अध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले की जांच कराएंगी और अगर अफसरों की लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
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