कैदियों की पेंटिंग बढ़ा रही है जेल की खूबसूरती

इंद्रपाल कौशिक, बुलंदशहर

बुलंदशहर की जेल को आदर्श जेल बनाने के लिए यहां के कैदियों को स्किल सिखाई जा रही है। कैदियों को कंप्यूटर एजुकेशन, फैन वाईंडिंग,पेंटिंग का काम सिखाया जा रहा है। इतना ही नहीं जेल के 8 कैदियों से कंप्यूटर पर जेल के रोजमर्रा का काम करवाया जा रहा है।

एनएच-91 सिकंद्राबाद थाना क्षेत्र में स्थित जिला जेल में 2000 कैदी हैं। इनमें से कई हत्या, रंगदारी, अपहरण लूट, डकैती, दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में सजा काट रहे हैं। जेल कमांडेंट वीके सिंह ने बताया कि इस जेल की क्षमता 890 कैदियों की है, लेकिन यहां 2000 कैदी रह रहे हैं। इनमें 70 महिलाएं हैं। कैदियों को सुधारने के लिए उन्होंने कई ट्रेनिंग सेंटर जेल में चला रखे हैं। कैदियों की रुचि के अनुसार उन्हें पेंटिंग और गवर्नमेंट आईटीआई के माध्यम से पंखा मोटर वाईंडिंग, बढ़ईगिरी और कंप्यूटर की शिक्षा देकर स्किल्ड बनाया रहा है। उन्होंने बताया कि जेल में कैदियों की बनाई कई पेंटिंग लगाई गई है। गर्मी से निपटने के लिए कैदियों से पंखा और कुलर की मरम्मत और वाईंडिग करवाकर तैयार कर दिए गए हैं। जेल में मौसमी सब्जी की खेती कैदियों से करवाई जा रही है, जिसका जेल में इस्तेमाल हो रहा है। वीके सिंह ने बताया कि महिलाओं को हुनरमंद बनाने के लिए जेल में जरी-कढ़ाई, पेंटिंग का काम सिखाया जा रहा है। महिलाओं के बच्चों के लिए बालवाड़ी केंद्र बनाया गया है। कैदियों के लिए योग-ध्यान और कम समय में फ्री मेडिकल कैंप लगवाये गए हैं, डेंटिस्ट केंद्र खोला गया है। बुलंदशहर जेल में कुख्यात व शातिर बदमाश भी बंद है। 3 साल पहले जेल अति संवेदनशील मानी जाती थी। डीएम बी.चंद्रकला ने छोटी उम्र के कैदियों को पढ़ाने के लिए दो टीचर्स भी तैनात कर दिए हैं।

कोट

जेल में बंद कैदियों को कई तरह के स्किल सिखाए जा रहे हैं, जिससे जेल से बाहर जाने पर वे अपना कारोबार कर सकें।-वीके सिंह,जेल कमांडेट

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