के्रडिट ब्यूरो ने कहा, भुगतान बैंकांे को उसका सदस्य बनाए रिजर्व बैंक
|एक्सपेरियन के्रडिट इन्फार्मेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मोहन जयरमन ने पीटीआई भाषा से कहा, भुगतान बैंक कर्ज नहीं देंगे, लेकिन उनके द्वारा किए जाने वाले लेनदेन से रिण लेने वालांे के बारे मंें समझने मंे मदद मिलेगी। इसलिए हमने रिजर्व बैंक से उन्हंे हमारा सदस्य बनाने का आग्रह किया है।
उन्हांेने कहा कि रिजर्व बैंक ने इस मांग के प्रति अपनी इच्छा दिखाई है, लेकिन कोई भी बदलाव रातांेरात नहीं हो सकता। इसके लिए रिण सूचना कंपनीज :नियमन: कानून मंे संशोधन करने की जरूरत होगी।
जयरमन ने कहा कि भुगतान बैंक हालांकि खुद कर्ज नहीं देंगे, लेकिन उनके द्वारा साझा किए जाने वाले आंकड़ांे से रिण लेने वाले के व्यवहार को समझने मंे मदद मिलेगी और साथ ही इससे बैंकिंग प्रणाली को व्यापक किया जा सकेगा। अंतत: ये बैंक ही हैं और ये हमारी प्रणाली की मदद के लिए हैं।
देश की सबसे बड़ी सीआईसी सिबिल की मुख्य परिचालन अधिकारी हर्षला चंदोरकर ने भी इस बात की पुष्टि की कि कंपनियांे ने रिजर्व बैंक से भुगतान बैंकांे को उसका सदस्य बनाने के लिए कहा है। उन्हांेने कहा कि इसके लिए बातचीत अभी शुरआती चरण मंे है। यह अंतत: सीआईसी और भुगतान बैंकांे दोनांे के लिए लाभ की स्थिति होगी।
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