कृषि रिणमाफी की लागत जीडीपी के दो प्रतिशत तक पहुंच सकती है: मुख्य आर्थिक सलाहकार

ललित के. झा

वाशिंगटन, 25 अप्रैल भाषा भारत के कुछ राज्यों द्वारा हाल में की गई कृषि रिणमाफी पर चिंता जताते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रहमणियन ने कहा कि यदि देशभर में इसी तरह की रिणमाफी की जाती है तो इससे सरकार का घाटा सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी के दो प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

पिछले हफ्ते यहां एक कार्यक्रम में सुब्रहमणियन ने कहा, हमने हाल में कृषि रिणमाफी की कई घोषणाओं को देखा है। आप जानते हैं कि यदि इसका विस्तार होता है तो इसकी लागत होगी और यह जीडीपी के दो

प्रतिशत के बराबर हो सकती है जिससे सरकार का नुकसान बढ़ेगा।

गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में 36,000 करोड़ रपये के कृषि रिण माफ करने की घोषणा की है। इस फैसले से असहमति जताते हुए सुब्रहमणियन ने कहा, यदि इस तरह की गतिविधियां बढ़ती हैं जिसकी संभावना बनी हुई है तो मेरे हिसाब से यह एक बड़ी चुनौती होगी।

उन्होंने यह बात यहां पिछले हफ्ते पीटरसन इंस्टीट्यूट में एक परिचर्चा सत्र के दौरान कही जिसे यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्वबैंक की वार्षिक ग्रीष्मकालीन बैठक से इतर आयोजित किया गया था।

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