कुत्तों के मारने पर लगी अघोषित रोक, अब IVRI करेगी जांच
|खैराबाद इलाके में बिना जाने समझे कुत्तों का ‘एनकाउंटर’ करने पर रोक लगा दी गई है। अब सिर्फ कुत्तों को पकड़ने का अभियान जारी रहेगा। पकड़े गए कुत्तों का परीक्षण बुधवार से बरेली की आईवीआरआई की टीम करेगी। इसके लिए कनवाखेड़ा एएनएम सेंटर को ही कुत्तों का बंध्याकरण केंद्र बना दिया गया है। यहीं पर बाहर से आने वाली टीमों के लिए एक अन्य भवन की व्यवस्था की गई है, जहां विशेषज्ञ कुत्तों का विस्तृत परीक्षण करेंगे।
26 कुत्ते पकड़े गए, 27 मारे गए
खैराबाद क्षेत्र में कुत्तों का आतंक तीन माह से भी अधिक समय से कायम था। इस दौरान कुत्तों ने 12 बच्चों पर हमला कर मार दिया जबकि 13 बच्चे हमले में घायल हुए। दो मई को कुत्तों ने सुबह के समय तीन घंटे के अंदर ताबड़तोड़ तीन बच्चों पर हमला किया था जिससे तीनों की मौत हो गई थी। इसके बाद से प्रशासन हरकत में आया। कुत्तों को पकड़ने और जान से मारने का अभियान छेड़ दिया गया। मथुरा से कुत्तों को पकड़ने वाली प्राइवेट टीम बुला ली गई, टीम ने अभियान शुरू भी नहीं किया था, चार मई को दो और बच्चे कुत्तों के हमले का शिकार हो गए। इसके बाद प्रशासन की अगुवाई में बिना जाने समझे जहां कुत्ते मिले, उन्हें मारने और पकड़ने का बड़ा अभियान चला दिया गया। तीन दिन में 27 कुत्ते मार दिए गए, उन्हें बिना पोस्टमॉर्टम के खेतों में दफना दिया गया। जबकि 26 कुत्तों को पकड़ने का दावा किया गया। जबकि किसी भी स्तर से यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि जिन कुत्तों को मारा जा रहा है, वे वही कुत्ते हैं जो हमला कर रहें हैं अथवा पालतू।
गफलत का आलम यह था कि वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग ने बिना किसी आधार के आईजी को बता दिया कि हमला करने वाले कुत्ते ही हैं। आईजी सुजीत पांडेय ने भी मान लिया, घोषित कर दिया कि हमला करने वाले कुत्ते ही हैं। लेकिन पशु प्रेमियों ने कुत्तों को मारने पर आपत्ति उठाई तो मंगलवार को प्रशासन ने कुत्तों को मारने पर रोक लगा दी। कुत्तों को मारने, पकड़ने के लिए बनाई गई टीम के प्रभारी एसडीएम शशांक त्रिपाठी ने कहा कि मंगलवार को कुत्तों को नहीं मारा गया, सिर्फ दो कुत्तों को पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि कुत्ता अगर किसी पर हमला करेगा तो उसे काई भी बचाव में मारेगा। लेकिन सूत्रों के मुताबिक शासन के निर्देश पर डीएम शीतल वर्मा ने गांव गली में घूमने वाले कुत्तों को मारने पर रोक लगा दी है।
कुत्तों का परीक्षण करने की यह की गई व्यवस्था
डीएम शीतल वर्मा ने बताया कि ऐनिमल बर्थ कंट्रोल रूम के तौर पर कनवाखेड़ा में एएनएम सेंटर को बनाया गया है। डब्ल्यूडब्लयूएफ की दो सदस्यीय टीम जिले में मौजूद है, जो क्षेत्र में पड़ताल कर रही है। निदेशक पशुधन की देखरेख में आईवीआरआई की टीम बुधवार से विश्लेषण करेगी कि कुत्तों में ऐसा बदलाव क्यों आया।
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