कानपुर एयरपोर्ट के लिए जमीन लेने का काम तेज
|केंद्र सरकार की तरफ से कानपुर एयरपोर्ट को घरेलू फ्लाइट्स के लिए चालू करने के ऐलान के बाद जमीन लेने का प्रोसेस तेज हो गया है। किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन लेने के लिए सरकार ने जिला प्रशासन के खाते में 29 करोड़ रुपये और भेजे हैं। एडीएम (लैंड एक्विजिशन) आशुतोष मोहन अग्निहोत्री के अनुसार, यह प्रक्रिया 15 दिन में पूरी होगी।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है इस बार अधिकतर काम निपट जाएगा। कानपुर जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर सिविल एयरपोर्ट के लिए मई में 5 हेक्टेयर जमीन किसानों से ली थी। सर्कल रेट से डबल मुआवजे के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री गवर्नर के नाम पर हुई थी। इसके बाद बजट खत्म होने पर काम अटक गया था। बीते दिनों केंद्र और राज्य सरकार ने तेजी दिखाई और 29 करोड़ रुपये प्रशासन को खाते में भेजे।
एडीएम के अनुसार, किसानों से टोटल 17 हेक्टेयर जमीन ली जानी है। सेकंड राउंड में उम्मीद है कि ज्यादातर किसानों को मुआवजा दे दिया जाएगा। जो थोड़ी-बहुत जमीन बचेगी, उसका मुआवजा तीसरे राउंड के बजट से पूरा किया जाएगा। बची हुई 5 एकड़ जमीन ग्राम समाज की होगी। मवैया और चकेरी गांव के 205 किसान इस प्रक्रिया में शामिल हैं। उम्मीद है कि जमीन की रजिस्ट्री पूरी होते ही एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) अपना काम शुरू करेगी।
कानपुर का लोड 40 पर्सेंट: ट्रैवल एजेंट शारिक अल्वी के अनुसार, कई साल पहले हुए सर्वे में बताया गया था कि अमौसी एयरपोर्ट पर यात्रियों के लोड का 40 पर्सेंट कानपुर से है। फिलहाल लखनऊ से दिल्ली के बीच रोज 20 से ज्यादा फ्लाइट्स हैं। मुंबई के लिए 6 और बाकी सेंटरों के लिए कम से कम 2-2 फ्लाइट्स मिलती हैं। अगर सुबह-शाम कानपुर एयरपोर्ट पर 2-2 फ्लाइट्स दे दी गईं तो इसे फुल लोड मिलेगा। लोग एक फ्लाइट पकड़ने में कम से कम 3 घंटे के अलावा 2000 रुपये बचाएंगे। हालांकि सारी बातें सिर्फ कागजों पर हैं। किसी एयरलाइन ने अब तक ट्रैवल एजेंसियों से इस बारे में संपर्क नहीं किया है।
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