कांग्रेस में शुरू हुई कामत को मनाने की कवायद
|महाराष्ट्र से कांग्रेस के सीनियर नेता व महासचिव गुरदास कामत के राजनीति से रिटायरमेंट की खबर सामने आते ही कांग्रेस में मुंबई से लेकर दिल्ली तक में ऐसी खलबली मची कि उन्हें बाकायदा मनाने की कवायद शुरू हो गई है। मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस में इस तरह नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से काफी मायूसी का माहौल उभरना शुरू हो गई है। पार्टी में इसे लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
बताया जाता है कि मुंबई कांग्रेस से लेकर पार्टी हाइकमान तक की तरफ कामत से संपर्क और मनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। कामत राजस्थान व गुजरात प्रदेश के प्रभारी थे। उल्लेखनीय है कि कामत के संन्यास की खबर सामने आते ही मुंबई कांग्रेस के कई फ्रंटल संगठनों ने कामत से बाकायदा अपना फैसला बदलने की अपील की है। बुधवार को मुंबई कांग्रेस के वर्कर्स, मुंबई यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस व सेवा दल के सदस्यों ने मुंबई कांग्रेस के ऑफिस में जमा होकर गुरदास कामत से अपना फैसला वापस लेने की अपील करने का फैसला किया है।
मुंबई कांग्रेस के तमाम संगठनों के वर्कर्स बुधवार को 11 बजे इकठ्ठा होने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल लगातार कामत के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि उनकी कामत से बातचीत चल रही है। मजे की बात है कि कामत ने अपने इस्तीफे के ऐलान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लेटर लिखने और उनकी तरफ से कोई जवाब न मिलने की बात कही गई थी। यहां जानना रोचक होगा कि सोनिया गांधी ने मंगलवार शाम 4 बजे का समय कामत को मिलने के लिए दिया था।
कहा यह भी जा रहा है कि कामत ने सोनिया गांधी का अपॉइंटमेंट मिलने के बाद ही अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उधर कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि पार्टी उन्हें मनाने में कामयाब होगी और वह पार्टी में बने रहेंगे। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कामत के पार्टी में बने रहने पर उम्मीद जमाते हुए कहा कि पार्टी के सीनियर नेता गुरदास कामत कांग्रेस का हिस्सा हैं और कांग्रेस में बने रहेंगे। उनका कहना था कि कामत के जो भी मुद्दे हैं, उनपर पार्टी की लीडरशिप उनसे बातचीत करेगी।
दरसअल, पार्टी को लगता है कि पार्टी के साथ इतने पुराने संबंधों को देखते हुए कामत अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए फिर से पार्टी में सक्रिय होंगे। कामत जहां राज्यसभा में अपनी अनेदखी से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं, वहीं प्रदेश, खासकर मुंबई कांग्रेस में उन्हें हाशिए पर डाल दिए जाने से भी वह खफा हैं। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम से उनकी नहीं बनती। निरूपम पर अपने हिसाब से पार्टी चलाने आरोप लग रहे हैं। कामत के अलावा, मुंबई के कई सीनियर नेताओं ने इसके प्रति असंतोष जताया है।
गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब कामत ने नाराज होकर इस्तीफा दिया था। यूपीए सरकार के दौर में अपेक्षाकृत कम महत्व का मंत्रालय दिए जाने से नाराज कामत ने कैबिनेट को इस्तीफा दिया था। इससे पहले यूथ कांग्रेस के दिनों में भी वह अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
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