कल्कि के इस एक्टर को आए थे सुसाइड के ख्याल:घरवालों ने भी सपोर्ट नहीं किया; पेट पालने के लिए हिमांशु को करनी पड़ी फोटोग्राफी
|फिल्म कल्कि 2898 AD की हर तरफ चर्चा हो रही है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल मचा रही है। दीपिका पादुकोण, प्रभास और अमिताभ बच्चन स्टारर इस फिल्म में एक और कैरेक्टर है, जिसका काम लोगों को बहुत पसंद आया है। हम बात कर रहे हैं क्रेन यानी हमहू की जिनका असली नाम हिमांशु है। फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद इन्होंने अपना नाम हमहू कर लिया। आज की स्ट्रगल स्टोरी में पढ़िए कि कैसे कभी डिप्रेशन से जूझने वाले हमहू आज कल्कि 2898 AD जैसी फिल्म का अहम हिस्सा हैं। हमहू कहते हैं, ‘कल्कि 2898 AD में काम करने से पहले की लाइफ बहुत कठिन थी। मैं करियर के पूरे सफर में मेंटल प्रॉब्लम से सबसे ज्यादा घिरा रहा। आर्थिक तंगी की वजह से हमेशा परेशान रहता था। मुंबई जैसे शहर में रहना-खाना और कमाना सबसे बड़ा टास्क है। बहुत वक्त ऐसा बीता है कि जब मेरे पास बिल्कुल काम नहीं रहता था, ऐसे में मेंटल स्ट्रेस बहुत बढ़ जाता था। मैं खुद को संभालने तक की स्थिति में नहीं था। आस-पास के लोग कहते थे कि मुझसे ज्यादा कई दूसरे लोग भी दुखी हैं, मेरा दुख तो उनके आगे बहुत छोटा है। वे मेरी स्थिति को समझते नहीं थे, इस कारण और तकलीफ होती थी। इस सिचुएशन को पेरेंट्स के साथ भी शेयर नहीं कर सकता था। वे मुझे लेकर श्योर नहीं थे कि मैं जो कर रहा हूं वो सही कर रहा हूं या नहीं। सोचिए, मेरी हालत कितनी खराब होगी। इस बुरे वक्त में सिर्फ कुछ दोस्तों का ही सहारा था। वे मेरी कंडीशन को समझते थे। मुझे हौसला देते थे कि जल्द ही कुछ बेहतर होगा। जब रोता था, तो वे लोग ही सहारा देते थे। मेरी भावनाओं को उनसे बेहतर कोई नहीं समझता था। मैं सही मायने में डिप्रेशन में चला गया था। इस वजह से मुझे थेरेपी और मेडिटेशन का सहारा लेना पड़ा था, लेकिन शुरुआत में इस सच्चाई का सामना नहीं कर पा रहा था। आज भी समाज में लोग खुलकर डिप्रेशन के बारे में बात नहीं करते। मैं भी नहीं कर पा रहा था। ना ही इसकी थेरेपी लेने के लिए तैयार था। लोग भी मेरी समस्या को नहीं समझते थे, यहां तक कि घरवाले भी इस बात को इग्नोर कर देते थे। हर वक्त मैं सिर्फ निगेटिव थॉट से घिरा रहता था। खुद के काम पर सवाल उठाने लगा था। खुद के ही काम को घटिया और बेकार बताता था। दूसरों की तरह यह मान लिया था कि मैं गलत फील्ड में आ गया हूं और मेरे काम को किसी की सराहना नहीं मिलेगी। निगेटिव थॉट्स का लेवल इस कदर बढ़ गया था कि मैं सुसाइड करना चाहता था। सोचता था कि कुछ ना होने से मर जाना ही बेहतर है। दीपिका पादुकोण जैसी शख्सियत भी डिप्रेशन में रही हैं। जब उन्होंने इसके बारे में खुलकर बात की, तब मुझे भी खुद को और दूसरों को समझाना आसान हो गया था। आज थेरेपी से मेरी लाइफ बहुत आसान हो गई है। हालांकि मैं अभी भी डिप्रेशन में हूं। शायद इससे कभी बाहर भी ना निकल पाऊं, लेकिन थेरेपी की वजह से इस पर कंट्रोल करना सीख गया हूं। डिप्रेशन के अंधेरेपन को अपने क्राफ्ट में यूज करना आ गया है।’ कल्कि के लिए ऑडिशन देने से कतरा रहे थे फुल टाइम एक्टिंग में आने के प्रोसेस के बारे में हमहू ने बताया, ‘थिएटर में मेरा काम देख कर कुछ डायरेक्टर्स ने मुझे शॉर्ट फिल्म ऑफर की थी। फिर इसी की बदौलत मुझे फिल्म कल्कि में काम मिला। कास्टिंग टीम की तरफ से मुझे ऑडिशन का कॉल आया था। साथ ही उन लोगों ने एक मैसेज भेजा था, जिसमें लिखा था कि इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, प्रभास और दीपिका पादुकोण जैसे कलाकार हैं। ये जानकार मैं ऑडिशन भेजने में देरी कर रहा था, लेकिन कास्टिंग टीम की तरफ से बार-बार कॉल आ रहा था। आखिरकार मैंने ऑडिशन भेज दिया और आधे घंटे के अंदर ही मुझे कन्फर्मेशन कॉल भी आ गई कि मुझे सिलेक्ट कर लिया गया है।’ कल्कि का हिस्सा बनने पर पेरेंट्स को विश्वास नहीं हुआ कल्कि में काम करने का ऑफर मिलने पर पेरेंट्स का क्या रिएक्शन था? जवाब में हमहू कहते हैं, ‘जब ये बात पेरेंट्स को पता चली तो पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। इससे पहले मैंने उन्हें ऑडिशन वाली बात नहीं बताई थी, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने यकीन कर लिया कि इतने टाइम से मेहनत कर रहा हूं तो उसका फल जरूर मिलेगा। फिर जब पापा को यह बताया कि इस फिल्म में अमिताभ बच्चन भी हैं, तो वे खुशी के मारे हंसने लगे।’ दीपिका के साथ शूटिंग करने पर नर्वस थे हमहू ने दीपिका के साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस के बारे में कहा, ‘सेट पर पहला सीन मुझे दीपिका के साथ करना था। मुझे उनके साथ किडनैपिंग वाला सीन करना था। इतनी बड़ी एक्ट्रेस के साथ काम करने पर नर्वस भी था और खुश भी था। हालांकि मैं यह कोशिश कर रहा था कि वे मेरी फीलिंग्स भाप न सकें, लेकिन दीपिका को पता चल गया था कि मैं नर्वस हूं। तब उन्होंने थोड़ा हंसी-मजाक कर मुझे कम्फर्टेबल कराने की कोशिश की। ये वो यादगार पल है, जिसे मैं पूरी लाइफ भूलना नहीं चाहता हूं।’ फिल्म कल्कि की वजह से आत्मविश्वास बढ़ा फिल्म कल्कि में काम करने के बाद लाइफ कितनी चेंज हो गई है? हमहू कहते हैं, ‘कल्कि के बाद बहुत फेमस हो गया हूं। जहां जाता हूं, लोग साथ में तस्वीर क्लिक कराने के लिए कहते हैं। ये सब देख कर बहुत अच्छा लगता है, खुशी होती है। ऐसा फील हो रहा है कि मानो मैं स्पॉटलाइट में आ गया हूं। मुझ में पहले आत्मविश्वास की बहुत कमी थी। संशय में रहता था कि जो काम करूंगा उसे लोग सराहेंगे या नहीं, लेकिन कल्कि में काम करने के बाद कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ गया है। अब खुद पर यकीन हो गया कि मैं कोई भी काम कर सकता हूं।’ पापा इंडियन मिलिट्री में थे, बचपन से एक्टिंग में रुझान था बचपन के दिनों के बारे में हमहू ने बताया, ‘मैं बिहार का रहने वाला हूं। पापा इंडियन मिलिट्री में ऑफिसर थे। इस कारण मेरा बचपन खानाबदोश की तरह बीता है। हर 3-4 साल पर पापा का ट्रांसफर हो जाता था और हम सब एक नई जगह पर जाकर नया बसेरा बसाते थे। कम उम्र से ही मेरा रुझान एक्टिंग की तरफ था। स्कूल के हर फंक्शन में नाटक में पार्टिसिपेट करने के लिए सबसे आगे रहता था। बढ़ती उम्र के साथ थिएटर की तरफ मेरा रुझान और बढ़ता चला गया। मैं सिर्फ एक्ट ही नहीं करता था, बल्कि नाटक लिखने और डायरेक्ट करने में भी पारंगत था।’ कभी एक्टर बनने के बारे में सोचा नहीं था, गुजारे के लिए फोटोग्राफी हमहू ने बताया कि उन्होंने कभी एक्टर बनने के बारे में सोचा नहीं था। इस बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे थिएटर करने में मजा आता था, लेकिन कभी फुल टाइम एक्टर बनने के बारे में सोचा नहीं था। मुंबई आने पर कुछ दिन थिएटर करता रहा। हालांकि कुछ समय बाद इसके सहारे गुजर-बसर करना बहुत मुश्किल हो गया। थिएटर में सीखने को तो बहुत कुछ मिलता है, लेकिन कमाई बिल्कुल नहीं हैं। ऐसे में मैंने प्रोफेशनल फोटोग्राफी का काम शुरू कर दिया।’ कल्कि के दूसरे पार्ट में नजर आएंगे हमहू! हमहू ने लास्ट में अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि उनके पास एक ड्रामा जॉनर बेस्ड प्रोजेक्ट है। उन्होंने फिल्म कल्कि 2898 AD के दूसरे पार्ट के बारे में बात की। हमहू ने कहा, ‘हां फिल्म के पहले पार्ट में मेरा किरदार अभी जिंदा है। हालांकि फिलहाल दूसरे पार्ट के बारे में ज्यादा अपडेट नहीं है। हम सभी अभी फिल्म की सफलता एन्जॉय कर रहे हैं।’