एसएसपी ऑफिस में हंगामा, पीएसी दरोगा और युवतियों को पीटा
|मेरठ जिले के सरधना तहसील की गंगनहर में बीस मार्च को सेल्फी लेने के दौरान युवक के डूबने के मामले को लेकर सोमवार को एसएसपी ऑफिस अखाड़ा बन गया। परिजन युवक के तीन दोस्त युवतियों पर हत्या का आरोप लगा रहे थे। इनमें से एक युवती पीएसी के दारोगा की बेटी है। सोमवार को दोनों पक्षों को एसपी ने जांच के लिए बयान दर्ज कराने बुलाया था। इसी दौरान युवक के परिजनों ने दरोगा और तीनों युवतियों के साथ एसएसपी दफ्तर में ही मारपीट कर डाली।
दरअसल, मेरठ के ब्रह्मपुरी निवासी पवन कुमार साथी युवतियों के साथ सरधना की गंगनहर पर बीस मार्च को घूमने गया था। वहा पर वह संदिग्ध परिस्थितियों में डूब गया। तमाम खोजबीन के बाद भी उसका शव नहीं मिल सका। युवतियों ने पवन के परिजनों को बताया था कि नहर के किनारे सेल्फी लेने के दौरान पैर फिसलने के कारण पवन डूब गया। पवन के परिजनों ने घटना के बाद से ही आरोप लगाया था कि युवतियों और एक युवक ने मिलकर पवन की हत्या की है। इसकी शिकायत पुलिस अफसरों से भी पवन के परिजनों ने की थी। इसी सिलसिले में सोमवार को एसपी देहात ने एक युवती स्वाति के पिता हुकुम सिंह को पूछताछ के लिए एसएसपी ऑफिस बुलाया था।
हुकुम सिंह गाजियाबाद पीएसी में दरोगा हैं और उनके साथ युवतियां भी आई थीं। पवन के परिजनों को भी बयान के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद जैसे ही दोनों पक्ष एसएसपी ऑफिस से बाहर निकल रहे थे तभी पवन के परिवार के साथ आई कई महिलाओं ने दरोगा हुकुम सिंह और युवतियों को को घेर लिया और उनके साथ मारपीट की। एसएसपी ऑफिस में हंगामा हो गया और पुलिसवालों ने किसी तरह हुकुम सिंह और युवतियों को छुड़ाया।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस हुकुम सिंह और उसकी बेटी को बचा रही है। विवाद बढ़ने पर एसपी देहात राजेश कुमार को बाहर जाना पड़ा और भीड़ को ऑफिस के बाहर किया गया। एसपी का कहना है कि अभी तक की जांच में यह हादसा ही लग रहा है लेकिन परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं इसलिए जांच की जा रही है।
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