एमसीडी चुनाव: डि-लिमिटेशन की जांच विधि विभाग को
|तीनों नगर निगमों के चुनाव को लेकर तैयार की गई डि-लिमिटेशन की फाइनल रिपोर्ट को दिल्ली सरकार ने विधि विभाग को भेज दिया है। वहां से फाइल क्लियर होने के बाद ही इसे नोटिफिकेशन के लिए राजनिवास को भेजा जाएगा। दिल्ली सरकार का मानना है कि वह समय पर एमसीडी के चुनाव कराना चाहती है।
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने करीब एक साल की लंबी कवायद के बाद इस रिपोर्ट को फाइनल कर पिछले माह दिल्ली सरकार को भेज दिया था। इसके लिए आयोग के पूर्व कमिश्नर राकेश मेहता ने राजनैतिक संगठनों, आरडब्ल्यूए आदि की सलाह भी ली थी। उनके आपत्तियों और सुझावों को भी इस फाइनल रिपोर्ट में शामिल किया गया था, जिसके बाद फाइलन रिपोर्ट तैयार की गई थी। वैसे विपक्षी नेताओं की ओर से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार ने इस रिपोर्ट को दबा लिया है और अगले साल अप्रैल में होने वाले तीनों एमसीडी के चुनावों को टालने के लिए वह इसका नोटिफिेशन नहीं करना चाहती। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री से भी हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
विपक्ष के इन आरोपों को दरकिनार करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने आयोग द्वारा भेजी गई फाइनल रिपोर्ट को विधि विभाग को भेज दिया है ताकि वह भी अपनी ओर से इसकी जांच कर ले। सरकार के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा के अनुसार यह सारी कवायद इसलिए की जा रही है ताकि फाइनल रिपोर्ट में कोई पेंच न रह जाए। विधि विभाग द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद नोटिफिकेशन के लिए उसे राजनिवास भेज दिया जाएगा। शर्मा का कहना है कि दिल्ली सरकार भी चाहती है कि तीनों निगमों के चुनाव समय पर हो। दिल्ली सरकार इसमें किसी प्रकार का अड़ंगा लगाने की इच्छुक नहीं है। उनका दावा है कि तीनों निगमों में सत्तारूढ़ बीजेपी ने जिस तरह भ्रष्टाचार फैला रखा है और वहां लगातार घपले हो रहे हैं, उसको देखते हुए निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत निश्चित है, इसलिए सरकार भी चाहती है कि नोटिफिकेशन से पहले कोई पेंच न रह जाए।
गौरतलब है कि डीएमसी एक्ट के अनुसार हर दस साल के भीतर निगमों के वॉर्ड का डि-लिमिटेशन किया जाना जरूरी है। पहले के डि-लिमिटेशन में व्यवस्था थी कि हर विधानसभा क्षेत्र में चार निगम वॉर्ड बनाए गए थे लेकिन इस बार आबादी बढ़ने और दलित मतदाताओं की भी संख्या के बदलाव के चलते इस परंपरा में बदलाव किया गया है। अब विधानसभाओं में तीन से लेकर सात वॉर्ड तक बनाए गए हैं। इनमें मटियाला विधानसभा में सात वॉर्ड, विकास पुरी व बुराड़ी विधानसभा में छह वॉर्ड बनाए गए हैं तो चांदनी चौक, मालवीय नगर, कस्तूरबा नगर, शकूरबस्ती विधानसभा में वार्डों की संख्या को घटाकर तीन कर दिया गया है। फिलहाल दिल्ली सरकार को विधि विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है।
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