उत्तर कोरिया के हवाई मार्ग के पास जापान का मिसाइल इंटरसेप्टर तैनात
|उत्तर कोरिया से निपटने के लिए जापान ने मंगलवार को अपने उत्तरी द्वीप होकैडो में एक मोबाइल मिसाइल-डिफेंस सिस्टम तैनात किया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसी क्षेत्र के ऊपर से उत्तर कोरिया ने हाल में मिसाइल दागा था। जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने इसकी निंदा की थी।
रक्षा मंत्री सुनौरी ओनोदेरा ने कहा कि एक पैट्रियट अडवांस्ड कैपबिलटी-3 इंटरसेप्टर यूनिट (पीएसी-3) को दक्षिणी होकैडो के हाकोडेट बेस पर तैनात किया गया है। जापान के मंत्री ने कहा कि ऐहतियान यह कदम उठाया गया है। सरकार संभावित इमर्जेंसी के लिए तैयारी कर रही है। दरअसल, पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया ने एक मिसाइल का परीक्षण किया था, इसी कारण जापान ने अपनी इंटरसेप्टर यूनिट का स्थान बदला है।
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उत्तर कोरिया का मिसाइल दक्षिणी होकैडो से होकर ही पूर्वी तट पर समुद्र में गिरा था। उत्तर कोरिया ने महीनेभर के भीतर ही दो मिसाइल दागे जो जापान के ऊपर से गुजरे थे। इसके बाद संभावित खतरे को देखते हुए जापान ने यह कदम उठाया है। 20 किमी (12 मील) के दायरे में पीएसी-3 दुश्मन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। जापान ने चार और पीएसी-3 यूनिट को अपनी राजधानी की सुरक्षा में तैनात किया है। गौरतलब है कि जापान के पास कुल 34 पीएसी-3 यूनिट हैं।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका के गुआम द्वीप पर भी हमले की धमकी दी है। ऐसे में अमेरिका में भी अलर्ट है। इस समय जापान के पास दो चरण का मिसाइल सिस्टम है। पहला, स्टैंडर्ड मिसाइल-3 इंटरसेप्टर जापान के समुद्र में मिसाइल को बीच रास्ते में ही गिरा देगा। अगर किसी कारण से यह नाकाम रहता है तो पीएसी-3 सतह से हवा में मार कर दुश्मन के मिसाइल को तबाह कर देगा। जापान के संविधान में भी कहा गया है कि आत्मरक्षा में ही हथियारों का इस्तेमाल करना है, खासकर तब जब यह खतरा जापान की ओर बढ़ रहा हो।
उत्तर कोरिया ने जापान को समुद्र में डुबोने की धमकी दी है। उसने शनिवार को कहा कि वह पूर्ण परमाणु शस्त्रागार विकसित कर कट्टर दुश्मन अमेरिका के साथ सैन्य संतुलन बनाना चाहता है। इस पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा था कि वह उत्तर कोरिया की खतरनाक उकसावे की कार्रवाई को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने का अनुरोध किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरियाई सरकार पर प्रतिबंध लगाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के मुद्दे पर गुरुवार को नई मंत्री स्तरीय बैठक बुलाएगा।
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