उच्चतम न्यायालय ने कंेद्र से आईएफसीआई के खिलाफ आरोपों की जांच सुनिश्चित करने को कहा
|मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि जांच का मकसद आईएफसीआई द्वारा किए गए निवेश को लेकर लगे गंभीर आरोपों की छानबीन करना है। पीठ मंे न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि इस मामले को देखते हुए हमारा मानना है कि कंेद्रीय वित्त मंत्रालय और कारपोरेट मामलों के मंत्रालय को उचित जांच के लिए निर्देश जारी किया जाए।
पीठ ने कहा, हम केंद्र सरकार को सभी पहलुआंे की गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक तथा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: से जांच का निर्देश देते है।
शीर्ष अदालत ने यह निर्देश गैर सरकारी संगठन पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया। इस याचिका मंे आईएफसीआई के खिलाफ हालिया सामने आई वित्तीय अनियमितताओं की स्वतंत्र जांच का आग्रह किया गया है।
याचिका का निपटान करते हुए पीठ ने कहा कि आदेश की प्रति मिलने के एक माह के भीतर जांच शुरू की जाएगी और चार महीने में इसे पूरा किया जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार को जल्द यह भी तय करना होगा कि कानून के अनुपालन के लिये क्या कारवाई जरूरी है।
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