ईरान के साथ फरजाद-बी गैस डील अधर में, विकल्पों की तलाश में ओएनजीसी विदेश
|ईरान में गैस फील्ड के अधिकार मिलने में हो रही देरी को देखते हुए ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं। ऑइल ऐंड नैचरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) की विदेशी कंपनी ओएनजीसी विदेश के नेतृत्व में भारतीय कंपनियों की ईरान के साथ फरजाद-बी गैस फील्ड के लिए बातचीत 2008 से चल रही थी। यह गैस फील्ड 2008 में ही खोजी गई थी।
ओएनजीसी विदेश 2030 तक ऑइल और गैस का अपना प्रॉडक्शन 6 करोड़ टन तक पहुंचाना चाहता है। अभी कंपनी का प्रॉडक्शन 1.2 करोड़ टन है। ओएनजीसी विदेश के एमडी एनके वर्मा ने बताया, ‘ईरान के साथ फरजाद-बी गैस फील्ड के लिए हम काफी लचीले थे और हमें उम्मीद थी कि डील फाइनल हो जाने से हमारा प्रॉडक्शन जल्द बढ़ पाएगा। लेकिन डील फाइनल नहीं हो पाई। इसलिए हम अन्य विकल्प तलाश रहे हैं जिससे आउटपुट को बूस्ट किया जा सके।’ उन्होंने बताया कि कंपनी अफ्रीका, मध्य एशिया, लैटिन अमेरिका के इलाकों में अधिग्रहण करने के बारे में सोच रही है।
भारत फरजाद-बी गैस फील्ड के अधिकार पाने की कोशिश काफी सालों से कर रहा था। ईरान पर लगे प्रतिबंधों के कारण भारत उन कुछ देशों में से है जो ईरान से व्यापार करता है। पिछले साल कुछ प्रतिबंधों के हटने के बाद ईरान ने अन्य निवेशकों को भी निवेश करने के लिए आमंत्रित करना शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान फरजाद-बी गैस फील्ड के अधिकार रूस को देने के लिए सहमत हो चुका था।
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