ईपीएफओ ने ईटीएफ यूनिट्स को पीएफ खातों में डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
|कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) यूनिट्स को भविष्य निधि (पीएफ) खातों में डालने के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है। ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या 4.5 करोड़ है।
ईपीएफओ के अंशधारक ईटीएफ यूनिट्स को अपने पीएफ खातों में अगले साल मार्च अंत तक देख सकेंगे। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने गुरुवार को यहां ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सीबीटी ने इक्विटी निवेश के मूल्यांकन और लेखे के लिए लेखा नीति को मंजूरी दी है।
इसे भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु (आईआईएम-बेंगलुरु) के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। गंगवार सीबीटी के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्ष को भी लेखा नीति में शामिल किया गया है।
यह पूछे जाने पर ईपीएफओ कब से ईटीएफ यूनिट्स को उसके अंशधारकों के खातों में कब से डालना शुरू करेगा, ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने कहा कि यह इस वित्त वर्ष के अंत तक संभव हो सकेगा।
कैसे काम करेगी यूनिटाइजेशन पॉलिसी
ईपीएफओ अपने कॉरपस का 15% हिस्सा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के जरिए इक्विटीज में निवेश करता है। यूनिटाइजेशन पॉलिसी के तहत हर महीने होने वाले 15% इक्विटी इनवेस्टमेंट को सब्सक्राइबर्स को यूनिट्स के रूप में अलॉट किया जाएगा। इन्हें एग्जिट या प्रॉविडेंट फंड से विदड्रॉल के वक्त भुनाया जा सकेगा।
सब्सक्राइबर्स अपने मंथली इनवेस्टमेंट और इक्विटी में निवेश के आधार पर उन्हें अलॉट की गईं यूनिट्स को चेक कर सकेंगे। जब कोई सब्सक्राइबर अपने पीएफ का पैसा निकालने का निर्णय करेगा तो उसके कुल निवेश का 85 पर्सेंट हिस्सा ब्याज सहित दिया जाएगा, जबकि टोटल इनवेस्टमेंट का जो 15 पर्सेंट हिस्सा इक्विटी में लगाया गया, उसे उस खास दिन तक जमा यूनिट्स में इक्विटी की वैल्यू से गुणा करके सामने आने वाली रकम के रूप में दिया जाएगा।
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