इस गांव में मौत का दूसरा नाम है एड्स
| यूपी के फतेहपुर जिले के इस गांव में कहावत है, जो मुंबई से आएगा, वो रुपये के साथ मौत भी लाएगा। यहां के 400 लोग मुंबई में काम करते हैं। इस गांव में पिछले कुछ साल में एचआईवी इन्फेक्शन से 52 लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में 2 नए केस मिले हैं। घर-घर जाने वाली आशा और आंगनबाड़ी वर्कर करीब 40 लोगों में जानलेवा बीमारी के लक्षण देखने का दावा कर रही हैं। सरपंच के मुताबिक, हमारे गांव के ज्यादातर लोग मुंबई में मजदूरी करते हैं या पान की गुमटी लगाते हैं। पाल समाज के तो 50 पर्सेंट लोग वहां रहते हैं। पिछले 10 साल में यहां एचआईवी इस तरह फैला कि कई परिवार इलाज में तबाह हो गए। किसी के शरीर पर फफोले हुए तो किसी का वजन बेहद कम हो गया। 5 परिवारों में बच्चों से लेकर बड़े तक इसी बीमारी से खत्म हो गए। वह उंगलियों पर नाम गिनाते हुए कहते हैं, कई लोग चेकअप नहीं कराते। वे दूसरों में बीमारी बांट रहे हैं। नजदीकी हॉस्पिटल 32 किमी दूर है। किसी का ठीक से इलाज ही नहीं होता। गांव के सफाईकर्मी के अनुसार, पिछले हफ्ते आई टीम को कुछ लोगों ने ब्लड सैंपल नहीं लेने दिए। वे घरों में छिप गए। पहले 1 दिसंबर को प्रोग्राम होते थे, लेकिन अब कुछ नहीं होता।
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