आसाराम प्रकरण : फैसला सुनाए जाने के चलते पीड़िता के घर की सुरक्षा चाक चौबंद
|आसाराम बापू को 2012 के बलात्कार मामले में 25 अप्रैल को फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पीड़िता के परिवार वालों की लगातार निगरानी की जा रही है। उसके घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सभी आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि फैसले के मद्देनजर वह खुद ही सुरक्षा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। अधिकारी परिवार वालों के संपर्क में हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और उन्हें इस बात का यकीन है कि न्याय जरूर मिलेगा। इस महीने की शुरुआत में जोधपुर की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति मधुसूदन शर्मा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस सुनी और आदेश 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित कर दिया था।
राजस्थान और गुजरात मामले में जमानत देने से कर दिया था इनकार
आसाराम बापू पर एक किशोरी ने जोधपुर के निकट मनई गांव के आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। किशोरी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली है और जिस समय आश्रम में रह रही थी, तब वह छात्रा थी। आसाराम 31 अगस्त 2013 से जेल में हैं। उन पर पॉक्सो और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कानून की धाराएं लगाई गई हैं।
आसाराम पर गुजरात में भी बलात्कार का एक मामला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात के मामलों में आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराके बलात्कार और बंधक बनाने का आरोप लगाया है।
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