आर्म्स एक्सपोर्ट के मामले में तीसरे नंबर पर आया चीन
| दुनिया में चीन का आर्म्स एक्सपोर्ट 2010 से 2014 के बीच 143 पर्सेंट की जबरदस्त ऊंचाई पर पहुंच गया। इस दौरान दुनिया में हथियारों का ट्रांसफर 16 पर्सेंट बढ़ा है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि 2009 से 2014 के बीच ये हिस्सा 3 पर्सेंट था, और तब चीन दुनिया के बाजार में हथियारों की सप्लाई के मामले में नौवें नंबर पर था। इसका अर्थ यह हुआ कि चीन ने वैश्विक बाजार में हथियारों की सप्लाई बढ़ाने के लिए ज्यादा जिम्मेदार है। ये आंकड़ा ये भी दर्शा रहा है कि चीन का घरेलू हथियार उद्योग का दबदबा भी बढ़ता जा रहा है और अब ये चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट्स, नेवी पोत और छोटे, भरोसेमंद और सामान्य हथियारों की विस्तृत श्रृंखला तैयार कर रहा है। चीन फिलहाल 35 देशों को हथियार सप्लाई कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार प्रमुख हैं। इसके अलावा चीन ने वेनेजुएला को बख्तरबंद वाहन और ट्रेनर एयरक्राफ्ट, अल्जीरिया को तीन वारशिप, इंडोनेशिया को एंटी शिप मिसाइलें और नाइजीरिया को ड्रोन सप्लाई कर रहा है।
जर्मनी को पछाड़ते हुए चीन हथियार एक्सपोर्ट में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुल्क बन गया है। हालांकि अमेरिका और रूस के संयुक्त 58 पर्सेंट बाजार हिस्से के मुकाबले वह 5 पर्सेंट पीछे है।
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