‘आप’ राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले चिट्ठी बम
| आम आदमी पार्टी (आप) की 28 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले सामने आई एक चिट्ठी ने कई दिन से शांत पार्टी में हड़कंप मचा दिया है। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखी गई चिट्ठी में परिषद की मीटिंग से एक दिन पहले सदस्यों को दिल्ली बुलाने पर आपत्ति जताते हुए उन कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग की है, जो सदस्यों को मीटिंग से एक दिन पहले दिल्ली बुला रहे हैं। अमृतसर (पंजाब) से राष्ट्रीय परिषद के सदस्य अशोक तलवार की ओर से अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि उन्हें दिल्ली से कई फोन और संदेशों के जरिए 28 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग से एक दिन पहले 27 तारीख को दिल्ली आने के लिए कहा गया है। फोन करने वालों का कहना है कि एक दिन पहले सदस्यों से स्वराज आदि मुद्दों पर बातचीत की जाएगी। तलवार ने कहा कि फोन बार-बार आ रहे हैं और फोन करने का कह रहा है कि आप कन्फर्म करें कि आ रहे हैं ताकि रहने और खाने की सुविधा की जा सके। अशोक तलवार के मुताबिक, उन्हें फोन करने वालों का कहना है कि 124 से ज्यादा लोगों ने एक दिन पहले आने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने चिट्ठी में छह लोगों के नाम देकर उनकी जांच कर कार्रवाई करने की बात की है। साथ ही यह भी कहा है कि यह लोग पार्टी को अस्थिर करने में लगे हुए हैं। आप के ‘चिट्ठी बम’ के अलावा खबर यह भी आ रही है कि पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास केजरीवाल से मिलने जा रहे हैं जिसमें प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पीएसी से निकाले जाने संबंधी फैसले पर बात हो सकती है। खबर यह है कि शनिवार को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता के लिए पार्टी का एक धड़ा जहां अरविंद केजरीवाल के अलावा किसी और के लिए लॉबीइंग कर रहा है वहीं, केजरीवाल के समर्थक पार्टी के संविधान पर अड़े हुए हैं जिसके ऐक्ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री को ही एनसी की बैठक का भी अध्यक्ष घोषित किया गया है। अध्यक्षता के लिए एक बड़ा नाम ऐडमिरल रामदास का भी सुझाया गया है। इसी संबंध में ट्विटर पर एक पोस्टर भी सामने आया है, जिसमें निष्पक्षता की मांग करते हुए रामदास की तस्वीर लगाई गई है। सूत्र बता रहे हैं कि रामदास का समर्थन करने वाले मेसेज कई रूप में सामने आ रहे हैं। केजरीवाल के करीबी सूत्रों का कहना है कि रामदास राष्ट्रीय परिषद के सदस्य नहीं हैं, लिहाजा बैठक की अध्यक्षता के लिए अयोग्य हैं।
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