आखिर बिजनस में माहिर क्यों होते हैं गंजे लोग?
|गोल्डमैन सैक्स के हेड लॉयड ब्लैंकफिन। नेटस्केप के संस्थापक मार्क एंड्रीसन। फुबु के संस्थापक और शार्क टैंक के निवेशक डायमंड जॉन। इनके अलावा भी बिजनस के कई बादशाह गंजे हैं और न केवल गंजे बल्कि संपूर्ण सफाचट हैं। आप कह सकते हैं कि यह पुरुष विशेषाधिकार का प्रतीक है, लेकिन पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के रिसर्च के मुताबिक सफाचट होने के पीछे कुछ दमदार राज है।
रिसर्चर अल्बर्ट मेनेस ने तीन प्रयोगों में सफाचट सिर वाले लोग ज्यादा रौबदार माने गए। जो लोग सिर के बाल छिलवाते हैं, उन्हें उससे ज्यादा रौबदार, लंबा और मजबूत माना गया, जितना वो हकीकत में हैं। स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों के बाल खुद-ब-खुद झड़ रहे हैं, वो सिर के बाल छिलवाकर अपना व्यक्तित्व निखार सकते हैं।
अमेरिकी सरकार के लिए डेटा साइंटिस्ट के तौर पर काम करनेवाले मेनेस ने कहा कि गंजे लोगों को ज्यादा रौबदार माने जाने के पीछे वही सांस्कृतिक सोच है जो लंबाई और बुलंद आवाज को ज्यादा प्रभावी मानती है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी समाज में… अक्सर पारंपरिक तौर पर पुरुष के दबदबेवाले प्रफेशन से जुड़े लोग ही अपने सिर के बाल छिलवाते हैं।’ जब लोग मुंडन करवाने का फैसला करते हैं तो वह कहीं-न-कहीं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़ जाते हैं। बास्केटबॉल कोर्ट में माइकल जॉर्डन और सिनेमा के पर्दे पर ब्रूस विलिस का रौब देखते ही बनता है।
मेनेस का कहना है कि उन्हें इस विषय में रिसर्च करने की प्रेरणा तब मिली जब मुंडन के बाद लोग उनसे कुछ ज्यादा ही अलग दिखने लगे। मेनेस ने यह भी अनुभव किया कि मुंडन के बाद लोग ज्यादा रौबदार तो दिखते ही हैं, वो चार साल ज्यादा उम्रदराज दिखते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि गंजे लोग थोड़ा कम आकर्षक भी दिखते हैं। इन सब परिणामों पर पहुंचने के लिए मेनेस ने एक के बाद एक कई प्रयोग किए।
पहले प्रयोग में शामिल लोगों को बाल वाले और गंजे, दोनों लोगों की तस्वीरें दिखाकर उनके में दबदबे को लेकर उभरी इनकी छवि की रेटिंग करने को कहा। दूसरे प्रयोग में शामिल लोगों को एक ही व्यक्ति की दो अलग-अलग तस्वीरें दिखाई गईं- एक बाल के साथ, दूसरे कंप्यूटर के जरिए गंजा बनाकर। वहीं, तीसरे प्रयोग में शामिल लोगों को इन तस्वीरों को रौब, आकर्षण आदि जैसे व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं के आधार पर रेटिंग देने को कहा गया।
इन प्रयोगों के व्यावहारिक परिणाम आए। अगर बाल झड़ रहे हों तो सिर छिलवाना शायद बेहतर विकल्प है। मेनेस ने कहा, ‘इस रिसर्च से परिणामओं के आधार पर यही सुझाव दिया जा सकता है कि बाल गिरने की समस्या से निजात पाने पर हर साल लाखों रुपये खर्च करने की जगह मुंडन करवाना बेहतर है।’
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