अमरोहा: चाऊमीन चटनी नहीं कीटनाशकों ने ली 100 से ज्यादा बंदरों की जान

हरवीर डबास, बिजनौर
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में सिलसिलेवार तरीके से बंदरों की मौत होने से हड़कंप मच गया है। जिले के ढबरासी गांव में बीते एक हफ्ते में करीब 100 बंदरों की मौत हो चुकी है। प्रारंभिक रिपोर्ट में बंदरों को जहर देकर मारने की आशंका जताई गई थी। लेकिन अब जांच के बाद पता चला है कि बंदरों की मौत के लिए कीटनाशक जिम्मेदार है। बरेली के आईवीआरआई की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बंदरों की मौत चूहामार दवा खाने के बाद हुई।

इससे पहले इलाके के लोगों ने नजदीक की एक फैक्ट्री के फेंके गए बेकार नूडल की वजह से बंदरों की मौत की आशंका जाहिर की थी। मृत बंदरों के विसरा को जांच के लिए आईवीआरआई भेजा गया था। यूपी के पशुपालन विभाग के अडिशनल डायरेक्टर राकेश मोहन दीक्षित ने बताया, ‘IVRI की रिपोर्ट से पता चला है कि चूहों को मारने के लिए खेतों में उपयोग होने वाले कीटनाशक में मौजूद फास्फीन का सेवन करने से बंदरों की मौत हो गई। चूहों को मारने के लिए इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक में मिश्रित जिंक फास्फेट या एल्युमिनियम फास्फेट इसकी वजह है।’

पहले नूडल्स को माना जा रहा था जिम्मेदार
मामला सामने आने के बाद मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) ब्रजवीर सिंह की अगुवाई में पशु चिकित्सकों की टीम ने बंदरों का पोस्टमॉर्टम किया था। लेकिन मौत की वजह साफ नहीं हो पाई थी। उन्होंने कहा, ‘हमने पोस्टमॉर्टम किया लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। इसके बाद बंदरों के शव को आगे की जांच के लिए आईवीआरआई भेजा गया।’

ग्रामीणों ने पुलिस से बातचीत में बताया था कि मरने से पहले बंदरों को खूनी दस्त और उल्टी हो रही थी। ढबरासी गांव के प्रधान के पति राजीव गोयल ने बताया, ‘संभव है कि बंदरों ने हमारे गांव से 300 मीटर दूर स्थित फूड फैक्ट्री के कचरे का सेवन कर लिया।’ आपको बता दें कि इस फैक्ट्री में नूडल्स तैयार किए जाते हैं।

ग्रामीणों को यह भी आशंका थी कि अगर बंदरों की मौत किसी बीमारी से हो रही है, तो कहीं यह ‌बीमारी इलाके के दूसरे लोगों को कहीं अपनी चपेट में न ले ले। इस बीच अमरोहा के डीएम हेमंत कुमार और एसपी एसके सिंह ने शुक्रवार को गांव का दौरा किया। एसपी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘इस संबंध में एक जांच शुरू की गई है और बंदरों की मौत के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

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