अब पीके जुटे कांग्रेस में अपने बचाव की कवायद में
|यूपी और उत्तराखंड में हुई करारी हार के बाद जहां कांग्रेस में भीतरी तौर पर खासा असंतोष है, लोग हार के कारणों पर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं, वहीं हार को लेकर रोष का खासा ठीकरा पार्टी की ओर हायर किए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके पर भी फूट रहा है। चुनाव के नतीजों को लेकर यूपी के नेताओं और वर्कर्स में खासी नाराजगी है। बताया जा रहा है कि पीके को लेकर यूपी से काफी लिखित शिकायतें भी हाईकमान के पास आई हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि पीके पार्टी की जीत के लिए नहीं, बल्कि हार के अजेंडे पर काम कर रहे थे। कई लिखित शिकायतों में हाईकमान ने पीके के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है। दरअसल, लोगों में इस आक्रोश का एक कारण चुनावी नतीजों के बाद पीके की सक्रियता में आई कमी व सीन से गायब होना भी बताया जा रहा है।
इतना ही नहीं, यूपी कांग्रेस में तो बाकायदा पीके की गुमशुदगी को लेकर पोस्टर तक सामने आ गए हैं। पोस्टर में पीके को एक स्वयंभू करार देते हुए कहा गया कि पूरे चुनाव में वर्कर्स की बातों और सुझावों को नजरअंदाज किया गया, जिसका नतीजा सामने है। साथ ही कहा गया कि प्रशांत किशोर हमें सिर्फ घुमाते रहे। यह आरोप यूपी कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने लगाए जिन्हें बाद में पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया।
उधर पता चला है कि नतीजों के बाद अपने व अपनी रणनीति के प्रति कांग्रेस के भीतर इस नाराजगी को देखते हुए पीके ने अब अपने बचाव की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, पीके ने अपने बचाव में एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान तक पहुंच कर न सिर्फ अपने पक्ष में सफाई देने की कवायद शुरू कर दी है, बल्कि वह कांग्रेस के रिवाइवल (पुनर्जीवन) व मजबूती का ब्लू प्रिंट देने की कोशिश में हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा टॉप लीडरशिप के लोगों से मिलने व मुलाकात के लिए समय लेने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। चर्चा है कि उन्होंने कांग्रेस के रिवाइवल और मजबूती के लिए 500 पेज का एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है। उन्होंने इस ब्लू प्रिंट को कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचाने व उन्हें नए सिरे से समझाने के लिए उपयुक्त चैनल तक पहुंच बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
गौरतलब है कि यूपी चुनाव के नतीजों को लेकर कांग्रेस लीडरशिप में भी पीके के प्रति खासी नाराजगी है। चर्चा है कि नतीजों के बाद पीके की राहुल से बात हुई जिसमें राहुल ने चुनावों के नतीजों, खासकर यूपी के नतीजों को लेकर अपना असंतोष दर्शाया। वहीं यूपी में एसपी के साथ गठबंधन में खासी दिलचस्पी लेने वाली प्रियंका गांधी ने भी यूपी को लेकर पीके से अपन रोष जाहिर किया। हालांकि पीके की तरफ से पंजाब की जीत का श्रेय लेने की कोशिश हो रही है, लेकिन पार्टी पंजाब में जीत का श्रेय पीके को देने के लिए तैयार नहीं दिखती। पार्टी के सीनियर नेता का कहना था कि पंजाब में हमारी जीत के पीछे कैप्टन का चेहरा व नाम था कि ना कि पीके की रणनीति।
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