अब आम आदमी पार्टी के टारगेट पर राजनाथ!
|दिल्ली में केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच पिछले आठ महीने में काफी विवाद देखने को मिले हैं। पुलिस से लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े मामलों पर जमकर खींचतान हुई है। आम आदमी पार्टी भी अपनी सरकार और केंद्र के बीच हो रहे इन विवादों का गंभीरता से विश्लेषण कर रही है और अब पार्टी के रुख को देखकर ऐसा लग रहा है कि अब आप अपनी रणनीति में बदलाव करने की सोच रही है।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच ज्यादातर विवाद केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े हुए हैं। दिल्ली सरकार को केवल गृह मंत्रालय से ही सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जबकि बाकी मंत्रालयों से सरकार को कोई परेशानी नहीं हो रही है। पार्टी सूत्रों ने साफ संकेत दिया है कि अब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की जा रही है और आम लोगों को भी इस बारे में बताया जाएगा।
आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी, क्योंकि ऐसा लग रहा है कि बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई में दिल्ली सरकार को फंसाने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। खास बात यह है कि कुछ दिन पहले एलिवेटिड कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू की जमकर तारीफ की थी और कहा कि मंत्रालय से दिल्ली सरकार को पूरा सहयोग मिल रहा है। आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री, पर्यावरण मंत्रालय से कोई परेशानी नहीं होती और दिल्ली के विकास के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार के इन मंत्रालयों के बीच कोई समस्या नहीं है लेकिन होम मिनिस्ट्री से हमेशा ही परेशानी मिली है।
बताते हैं कि चीफ सेक्रटरी की नियुक्ति का मामला हो, एनडीएमसी के वाइस चेयरमैन का सवाल हो, ऐंटी करप्शन ब्रांच प्रमुख की नियुक्ति का मसला हो या फिर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच चल रहा विवाद हो, हर मसला केंद्रीय गृह मंत्रालय के दायरे में ही आता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय की ओर से सरका दिल्लीर को अपनी पसंद के अधिकारियों को भी नियुक्त करने का मौका नहीं मिलता, जो यह दिखाता है कि सबसे ज्यादा परेशानी केंद्र के इसी मंत्रालय से है जबकि बाकी मंत्रालयों से सहयोग मिल रहा है। पार्टी सूत्र कहते हैं कि यह सब बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई से जुड़ा हुआ मामला है और दिल्ली सरकार को इसमें मोहरा बनाए जाने की कोशिश की जा रही है।
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