अदालत ने स्काई मार्शल ले जाने के एवज में कर वापस के अनुरोध वाली जेट एयरवेज की याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 25 जुलाई भाषा दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेट एयरवेज की अंर्तदेशी हवाई यात्रा कर के रूप में किये गये 2.36 करोड़ रुपये के भुगतान की वापसी को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी है। कंपनी ने अक्तूबर 2001 से अक्तूबर 2003 के बीच स्काई मार्शल को अपने विमान में ले जाने के एवज में कर के रूप में इस राशि का भुगतान किया था।

न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायाधीश प्रतिभा एम सिहं की पीठ ने सीमा शुल्क प्राधिकरण के के नवंबर 2004 तथा दिसंबर 2006 के कर मांग को बरकरार रखने के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।

पीठ ने कहा कि एयरलाइन ने उन परिपत्रों का विरोध नहीं किया जिसके जरिये स्काई मार्शल के संदर्भ में सबसे पहले 2001 में इंडियन एयरलाइंस को तथा आठ अक्तूबर 2003 के बाद निजी एयरलाइंस को कर से छूट दी गयी थी।

स्काई मार्शल को एयर मार्शल, फ्लाइट मार्शल के नाम से जाना जाता है। ये आतंकवाद निरोधी एजेंट के रूप में काम करते हैं। इन्हें विमानों के अपहरण से बचाव के लिये वाणिज्यक उड़ानों में ले जाया जाता है।

भाषा

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