अक्षय कुमार @57:पैसे कमाने फिल्मों में आए थे, पिछली 10 फिल्में फ्लॉप रहीं फिर भी 800 करोड़ का दांव

‘इतना मैं सोच विचार नहीं करता.. 4-5 फिल्में नहीं चलीं तो क्या हुआ.. लोग मुझे ऐसे दुख भरे मैसेज भेज रहे हैं.. ‘सॉरी यार.. फ्रिक मत कर.. सब ठीक हो जाएगा…’ ,अरे… मैं मरा थोड़ी ना हूं? एक जर्नलिस्ट ने मुझे मैसेज किया- डोंट वरी यू विल भी बैक। बैक मतलब? मैं गया कहां हूं? मैं यहीं हूं और मेहनत करता रहूंगा… जो भी कमाता हूं अपने दम पर कमाता हूं… किसी से कभी कुछ मांगा नहीं है… और मैं मरते दम तक काम करता रहूंगा…।’ अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘खेल खेल में’ के इवेंट पर यह कहते हुए अक्षय कुमार इमोशनल हो गए। हों भी क्यों ना? 2021 में रिलीज हुई सूर्यवंशी के बाद से एक्टर की पिछली 12 में से 10 फिल्में फ्लॉप रही हैं। हालांकि, ऐसा अक्षय के करियर में पहली बार नहीं हुआ है। आज अक्षय के 57वें जन्मदिन पर सबसे पहले एक नजर डालते हैं एक्टर के उतार-चढ़ाव भरे करियर पर… एक्टिंग नहीं आती थी, सिर्फ पैसे कमाने आया था अक्षय ने 1991 में फिल्म ‘सौगंध’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था। अपने शुरुआती दौर के एक इंटरव्यू में अक्षय ने कहा था, ‘मैं इंडस्ट्री में सिर्फ पैसे कमाने आया था। एक्टिंग तो मुझे आती ही नहीं थी। मैं बैंकॉक में महीने भर बॉक्सिंग सिखाता था और मुझे 5 हजार रुपए मिलते थे। 5001 रुपए का चेक लेकर इंडस्ट्री में आए एक दिन एक स्टूडेंट के फादर ने मॉडलिंग में ट्राई करने को कहा। मैंने किया तो सिर्फ दो घंटे काम किया और मुझे 21 हजार रुपए मिल गए। इसके बाद मैंने तय किया कि मैं मॉडल बनूंगा। रैंप वॉक भी किए और करते-करते किसी ने एक फिल्म ऑफर कर दी। मुझे याद है शाम के साढ़े 6 बजे एक डायरेक्टर ने मेरे हाथ में 5001 रुपए का चेक दिया और इस तरह में इंडस्ट्री में आया। फिल्में फ्लॉप होना कमाल का अलार्म बटन है मॉडलिंग से फिल्मों में आया। फिल्मों में एक्शन किया क्योंकि वो ही आता था… धीरे-धीरे कॉमेडी की और रोमांटिक फिल्में कीं। एक वक्त था जब मेरी 16 फिल्में नहीं चलीं.. एक बार 8 लगातार फ्लॉप रहीं। तो यह मेरे साथ पहले भी हो चुका है.. और यह एक कमाल का अलार्म बटन है जो तब बजता है जब आपकी फिल्में फ्लॉप होती हैं। अब मजा आता है इसलिए काम करता हूं लोग आश्चर्य से देखते हैं कि अरे यार इतनी फिल्में करता है.. तो और क्या करूं? सुबह उठूंगा.. काम पर तो जाना ही है.. भगवान का दिया सब कुछ है। इतना कमा चुका हूं कि आज आराम से बैठ जाऊं तो भी कोई दिक्कत नहीं… लेकिन उनका क्या जो बाकी लोग बैठे हैं और जो काम करना चाहते हैं। अब मैं काम इसलिए नहीं करता कि मुझे पैसा कमाना है.. अब इसलिए करता हूं क्योंकि मजा आता है..पैशन है। जिस दिन लगेगा कि अरे यार कल सुबह उठकर काम पर जाना है.. उस दिन मैं काम करना बंद कर दूंगा।’ सुना था अक्षय डिसिप्लिन्ड हैं: सुनील दर्शन अक्षय के करियर पर दैनिक भास्कर ने फिल्ममेकर सुनील दर्शन से बात की। उन्होंने कहा, ‘शुरुआती दौर में उसकी दर्जनों फिल्में फ्लॉप हो गई थीं। तब मैं सनी देओल के साथ एक फिल्म बना रहा था जिस पर हम दोनों की सहमति नहीं बनी। मैं फिल्म में किसी नए हीरो को कास्ट करने की सोच ही रहा था कि एक दिन अक्षय का कॉल आ गया तो उससे मुलाकात हुई। तब तक मैंने उसकी फिल्में ज्यादा नहीं देखी थीं पर उसके बारे में इंडस्ट्री में अच्छा सुन रखा था कि यह बड़ा ही डिसिप्लिन्ड लड़का है।’ ‘जानवर’ के बाद हमने 7 फिल्में साथ कीं सुंदर तो वो था ही पर उसका टैलेंट निखरकर सामने नहीं आ पा रहा था। ‘जानवर’ के बाद मैंने उसके साथ ‘एक रिश्ता’ और ‘अंदाज’ समेत 7 फिल्में कीं क्योंकि एक एक्टर के तौर पर उसने मेरा भरोसा जीता। इनमें से कई फिल्में हिट भी रहीं जिसके चलते उस दौर में हमारा बॉन्ड काफी स्ट्रॉन्ग बना। कभी-कभी एक्टर्स को भ्रम हो जाता है अक्षय के मौजूदा करियर पर सुनील ने कहा, ‘एक्टर्स को भी कहीं ना कहीं भ्रम हो जाता है सब कुछ मैं ही कर रहा हूं, क्योंकि आजकल पूरी फिल्म उसी पर बेस्ड हो जाती है और वो पैसे भी काफी लेता है। एक वक्त अक्षय के कई प्लस पाॅइंट थे। वो सिनेमा को पूरा वक्त देते और डिसिप्लिन्ड थे, पर जब एक आदमी 30 से 35 साल इंडस्ट्री में काम कर लेता है तो उसके अंदर एक मैकेनिकल प्रोसेस आ जाता है।’ भले ही कम करें पर अच्छा काम करें सुनील ने आगे कहा, ‘हर चीज जो ऊपर जाती है वो नीचे भी जाती है। बड़ी बात यह है कि नीचे जाने वाले फेज में आदमी खुद को सुधार ले तो सब ठीक हो जाता है। अमिताभ भी इस दौर से गुजरे, पर फिर उन्होंने अपनी चॉइस बेहतर कर ली। काम का सिलेक्शन अच्छा होना काफी जरूरी होता है। 4 की बजाय 3 फिल्में कर लें पर बेहतर कर लें। बाकी तो यहां पूरी इंडस्ट्री में एक भेड़चाल चल रही है तो ऐसे में आपको फ्लॉप होने के बाद भी काम मिलता रहेगा।’ ‘बाजीगर’ रिजेक्ट कर दी थी – विवेक शर्मा वहीं डायरेक्टर विवेक शर्मा ने 90 के दशक के अक्षय को याद करते हुए कहा, ‘उस दौर में उन्होंने अब्बास मस्तान के साथ ‘खिलाड़ी’ जैसी हिट फिल्म दी थी पर वो एक ही डायरेक्टर के साथ बार-बार काम नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने ‘बाजीगर’ रिजेक्ट कर दी थी। तब उन्होंने ‘अफलातून’ और ‘मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी’ की, पर बड़ी फिल्में होने के बाद भी उनकी कई फिल्में फ्लॉप हो गई थीं।’ पर्सनल लाइफ और रिलेशनशिप में उलझ गए थे विवेक ने आगे कहा, ‘वो उस दौर में अपनी पर्सनल लाइफ और रिलेशनशिप में ज्यादा उलझ गए थे। टैलेंटेड बहुत हैं और उनसे बढ़िया एक्शन हीरो आज तक नहीं आया। ‘अंगारे’ फिल्म के सेट पर वो मेरे सामने बिना सेफ्टी के एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में कूद गए थे। एक्शन में उनकी टक्कर का कोई नहीं पर तब वो काम को सीरियसली नहीं लेते थे। वो फोकस और डेडिकेशन काफी लेट आया।’ लोगों को लगा ये हीरो तो बात ही नहीं सुनता मुझे याद है कि ‘दिल तो पागल है’ में उन्होंने हेयरस्टाइल चेंज करने से मना कर दिया था, तो फिर कुछ बैनर उनके पास आने से भी कतराने लगे, क्योंकि उनको लगा हीरो बात ही नहीं सुनता। कई फिल्में फ्लॉप हुईं तो उन्होंने एक साल का ब्रेक लिया.. 12 किलो वजन कम किया और हेयरस्टाइल भी चेंज की.. और ‘जानवर’ से कम बैक किया।’

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