सिख दंगे को लेकर कोर्ट की टिप्पणी से न्याय की उम्मीद जगी: सिरसा

नई दिल्ली
शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठजोड़ के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के केस में आरोपियों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा की टिप्पणियों ने सिखों में न्याय की उम्मीद जगा दी है। साथ ही इसने यह भी साबित कर दिया है कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए दोष सच्चे हैं।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बयान में कहा, ‘अदालत की टिप्पणी(सिख भाईचारे के खिलाफ हुए इन दंगों में 3000 से अधिक लोग मारे गए) ने यह साबित किया है कि यह योजनाबद्ध तरीके से किया गया अपराध था।’ उन्होंने कहा, ‘यह 33 वर्षों में पहली बार हुआ है कि न्यायपालिका ने भी माना है कि आरोपी नहीं चाहते कि पीड़ितों को न्याय मिले।’

उन्होंने कहा कि चाहे पीड़ितों सहित सिख भाईचारे के मेंबर पहले दिन से यह कह रहे हैं कि आरोपी बहुत शक्तिशाली नेता हैं, जिनकी कांग्रेस पार्टी व इसकी सरकारें इतने सालों में मदद करती रही हैं लेकिन यह पहली बार है कि न्यायपालिका ने भी माना है कि आरोपी उनको जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने से भी भाग रहे हैं।

सिरसा ने कहा कि 3 दशकों से भी अधिक समय से पीड़ित व उनके परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस की सरकारें इन आरोपियों का हमेशा बचाव करती रही हैं और वह छूट जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जब न्यायपालिका ने भी यह मान लिया है कि यह नेता मामलों की दोबारा जांच व मुकदमों की दोबारा सुनवाई से भाग रहे हैं तो सिखों को यह महसूस हो रहा है कि अब न्याय मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है।

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