Tag: स्‍टार

फिल्म रिव्यू- ‘दो लफ्जों की कहानी’, बासी और घिसी-पिटी (1 स्‍टार)

‘दो लफ्जों की कहानी’ घिसी-पिटी पटकथा पर पसरी फिल्म है। फिल्म की कहानी छह महीने पहले से शुरू होकर छह महीने बाद तक चलती है। इस एक साल
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फिल्‍म रिव्‍यू- ‘तीन’ में है नयापन ( 3 स्‍टार)

‘तीन’ नई तरह की फिल्म है। रोचक प्रयोग है। यह हिंदी फिल्मों की बंधी-बंधायी परिपाटी का पालन नहीं करती। कहानी और किरदारों में नयापन है। उनके रवैए और
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फिल्‍म रिव्‍यू: हाउसफुल 3, फूहड़ और ऊलजुलूल (1 स्‍टार)

‘हाउसफुल 3’ देखते हुए सचमुच रोने का मन करता है। कोफ्त होती है। खुद पर और उन कलाकारों पर भी, जो निहायत संजीदगी से ऊलजुलूल हरकतें करते हैं।
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘वीरप्‍पन’ लेकर लौटे हैं रामू (3 स्‍टार)

‘वीरप्पन’ में लेखक-निर्देशक ने एक सामान्य लड़के के अपराधी बनने की कहानी संक्षेप में रखी है। खून और पैसों का स्वाद लग जाने के बाद वीरप्पन की आपराधिक
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘वेटिंग’ यानि सुकून के दो पल (3.5 स्‍टार)

पिछली कुछ फिल्मों में नसीरुद्दीन शाह की बेमतलब मौजूदगी से निराश उनके प्रशंसकों को ‘वेटिंग’ देखकर खुशी होगी। कल्कि कोचलिन के साथ उनकी कमाल की केमेस्‍ट्री बन पड़ी
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘फोबिया’, डर का रोमांच (3 स्‍टार)

खूबसूरत बात है कि इस हॉरर फिल्म ‘फोबिया’ में विकृत चेहरे और अकल्पनीय दृश्य नहीं है। और न ही तंत्र-मंत्र का इस्तेमाल दिखाया गया है। इसे हॉरर से
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘सरबजीत’, एक कमजोर कोशिश (2.5 स्‍टार)

चूंकि फिल्म के निर्माण और कंटेंट में सरबजीत की बहन की सहमति रही है, इसलिए माना जा सकता है कि सब कुछ तथ्य के करीब होगा। फिर भी
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फिल्म रिव्यू : ‘अजहर’, महज रसोईघर की राजनीति (2.5 स्‍टार)

कुछ को छोड़ सभी कलाकारों ने अपना काम बड़ी ढिलाई से किया है। नतीजतन अजहर जैसा गूढ किरदार सिर्फ प्या़र के आमोद-प्रमोद और घर व टीम की रसोई-ड्रेसिंग
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘ट्रैफिक’, स्‍पीड और भावनाओं का रोमांच (3 स्‍टार)

‘ट्रैफिक’ फिल्म सराहनीय है, क्योंंकि अलग किस्म के विषय को संवेदनशील तरीके से पेश करती है। फिल्म में रियल टाइम में ही सारी घटनाएं घटती हैं। Jagran Hindi
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फिल्‍म रिव्‍यू: मलिन बस्‍ती में उजास, ‘निल बट्टे सन्‍नाटा'(3.5 स्‍टार)

‘निल बटे सन्नाटा’ स्वरा भास्कर की उम्दा कोशिश है। चंदा सहाय को आत्मसात करने और उसे पर्दे पर उतारने में उन्होंने संवाद अदायगी से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक
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फिल्‍म रिव्‍यू: पहचान और परछाई के बीच ‘फैन’ (स्‍टार 4)

मनीष शर्मा की ‘फैन’ गौरव चांदना की कहानी है। दिल्ली के मध्य वर्गीय मोहल्ले का यह लड़का आर्यन खन्ना का जबरा फैन है। उसकी जिंदगी आर्यन खन्ना की
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