मामले की सुनावई करते हुए 20 सितंबर को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने कहा थी कि वह 104वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम