Tag: रिव्यू
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फिल्म ने सिख धर्म की आड़ में मनोरंजन परोसने की कोशिश की है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम धर्म के सहारे अंधविश्वास को बढ़ावा तो नहीं
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हैप्पी अमृतसर में पली तेज-तर्रार लड़की है। उसे आपने परिवार के परिचित लड़के गुड्डूू से प्यार हो जाता है। गुड्डू साफ दिल का लड़का है। ट़ुनटुना बजाता है
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फिल्म पटना में सेट है। कहानी का नायक माइकल मिश्रा है। वह बचपन में दर्जी था, पर एक दबंग का गला उससे चूक से दब जाता है। दबंग
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‘बुधिया…’ उड़ीसा के पांच साल के बच्चे की कहानी है। वह जन्मजात धावक है। बचपन में जूडो कोच बिरंची की पारखी नजर उसे भांप लेती है। Jagran Hindi
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राजीव खंडेलवाल के पास ऐसी फिल्में आती हैं या वे स्वयं ऐसी उलझी पटकथा और किरदारों की फिल्में चुनते हैं। कहीं न कहीं समीकरण गड़बड़ हो जाता है।
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रोहित धवन ने बड़ी होशियारी से जॉन और वरुण की ब्रांड इमेज का इस्तेमाल करते हुए आसानी से यकीन न की जाने वाली कहानी सरलता से कह दी
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हिंदी में सिस्टम पर सवाल करने वाली फिल्में बनती रही हैं। कई बार अपने निदान और समाधान में वे अराजक हो जाती हैं। ‘मदारी’ इस मायने में अलग
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कहानी नैनीताल में केंद्रित है। कोया व विभु अपने दोस्तों प्रबल व अस्मि के साथ अपने मौसा मानव के यहां आती है। मानव की नौ साल की बेटी
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‘दो लफ्जों की कहानी’ घिसी-पिटी पटकथा पर पसरी फिल्म है। फिल्म की कहानी छह महीने पहले से शुरू होकर छह महीने बाद तक चलती है। इस एक साल
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फिल्म बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम सिस्टम का कचड़ा साफ करने के लिए युवाओं से सफाई अभियान का अगुआ बनने की अपील है। Jagran Hindi News – entertainment:reviews
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कुछ को छोड़ सभी कलाकारों ने अपना काम बड़ी ढिलाई से किया है। नतीजतन अजहर जैसा गूढ किरदार सिर्फ प्या़र के आमोद-प्रमोद और घर व टीम की रसोई-ड्रेसिंग
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हिंदी सिने इतिहास में ऐसा कम हुआ है, जब मर्द की बेवफाई को औरत की नजर से पेश किया गया हो। इस फिल्म की निर्देशक जैस्मिन मोजेज डिसूजा
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