Tag: रिव्यू

फिल्म रिव्यू: किस दौर का है यह अफसाना? एक हसीना थी, एक दीवाना था (डेढ़ स्टार)

शिव की परवरिश मुंबई के अंग्रेजीदां माहौल की है। लिहाजा देवधर के अवतार में वे जब शायरी करते हैं तो लगता नहीं कि उन्होंने अल्फाजों व जज्बातों को
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सरकार 67 हजार बाबुओं के रिकॉर्ड कर रही रिव्यू, 129 को एक साल में निकाला

नई दिल्ली केंद्र सरकार 67 हजार से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड्स रिव्यू करने वाली है। इस लिस्ट में आईएएस और आईपीएस अफसर भी शामिल होंगे। सर्विस
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फिल्म रिव्यू: खंडित शख्सियत का खेल ‘मिरर गेम्स- अब खेल शुरू’

जय के दिमाग में क्‍या चल रहा है उसका भी समुचित चित्रण नहीं हुआ है। कहानी न्यूजर्सी में सेट है। कुछ विदेशी कलाकार इसका अहम हिस्‍सा हैं। Jagran
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फिल्म रिव्यू: सचिन सचिन सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स (साढ़े तीन स्टार)

भारत रत्न से सम्मानित कद्दावर व्यक्तित्व के इस खिलाड़ी के प्रति फिल्म न्यात नहीं करती। सचिन के जीवन पर एक बड़ी फिल्म तो बननी ही चाहिए। Jagran Hindi
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फिल्म रिव्यू: रिश्तों के भावार्थ ‘मुक्ति भवन’

यह फिल्म परिवार के नाजुक क्षणों में संबंधों को नए रूप में परिभाषित करती है। परिवार के सदस्य एक-दूसरे के करीब आते हैं। रिश्तों के भावार्थ बदल जाते
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फ़िल्म रिव्यू: ‘आत्मा’ विहीन कृत्रिम शरीर ‘घोस्ट इन द शेल’

फ़िल्म का प्लॉट पेचीदा और उलझा हुआ है। कहानी भागती और बिखरी हुई है, जो दर्शक को बांधकर नहीं रख पाती। संवाद बेतरतीब और दार्शनिक भाव लिए हुए
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फिल्म रिव्यू: ‘मर्दों’ की मनमर्जी की उड़े धज्जी ‘अनारकली ऑफ आरा’ (चार स्टार)

आज की फिल्मों में ठेठ हिंदी बेल्ट गायब रहती है। उसकी फील यहां जर्रे-जर्रे में है। वह किरदारों की भाषा, व्यहवहार और परिवेश में बिना किसी अपराधबोध के
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फिल्म रिव्यू: युद्ध और प्रेम ‘रंगून’ (चार स्टार)

‘रंगून’ में तो विशाल भारद्वाज ने पूरी शिद्दत से द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में आजाद हिंद फौज के हवाले से रोमांचक कहानी बुनी है। Jagran Hindi News –
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फिल्म रिव्यू: स्क्रीनप्ले में नयापन, अक्षय की बेहतरीन एक्टिंग का नमूना ‘जॉली एलएलबी 2’ (साढ़े 3 स्टार)

अक्षय कुमार जो कि जॉली का रोल कर रहे हैं और शुरुआती दिनों में बेईमान और भ्रष्टाचारी होते हैं। किसी एक घटना से उनका जमीर जागता है और
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फिल्म रिव्यू : रहस्‍य को उलझाती ‘वजह तुम हो’ (2.5 स्‍टार)

इस रहस्य कथा को दिखाने और सुनाने का तरीका नया चुनने का प्रयास हुआ है। कहानी में ताजगी है, लेकिन कसाव नहीं है। इसमें आधुनिक तकनीक, उच्च महत्वाकांक्षा,
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