संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्दों को हटाने की मांग उठी है। शुक्रवार को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और अन्य वकीलों की तरफ से दाखिल याचिकाओं
देश की सर्वोच्च अदालत से केंद्र और राज्य सरकारों को संविधान की प्रस्तावना को सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में स्थानीय भाषाओं में प्रदर्शित करने का निर्देश देने