जहां एक तरफ दुनिया के तमाम देश चीन की विस्तारवादी और आक्रामक नीति के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर नेपाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने