बिकास रंजन मिश्रा ने ग्रामीण कथाभूमि में ‘चौरंगा’ रची है। शहरी दर्शकों को अंदाजा नहीं होगा, लेकिन यह सच है कि श्याम बेनेगल की ‘अंकुर’ से बिकास रंजन