सिनेमाघरों के प्रोजेक्शन रूम में पहले फिल्म की भारी-भरकम रील प्रोजेक्टर पर लगाई जाती थीं, जिन्हें हर 15-20 मिनट में बदलना पड़ता था। जरा सी चूक होती, तो